प्रभास रंजन। Darbhanga । Darbhanga का फैकला थाना, गुस्से में क्या हुआ? अब होगी जांच ? फेकला थाना के सरकारी ड्राइवर देव कुमार ने थानाध्यक्ष मोती कुमार पर जातिसूचक गाली देकर अपमानित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जगुनाथ रेड्डी जलरेड्डी समेत पुलिस मेंस एसोसिएशन को लिखित शिकायत दी है। शिकायत मिलने के बाद एसएसपी ने सर्किल इंस्पेक्टर को जांच का निर्देश दिया है।
अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है… — PM MODI in Madhubani
घटना की पृष्ठभूमि
यह मामला 1 अप्रैल 2025 को फेकला थाना क्षेत्र के हरपट्टी गांव में हुए सड़क हादसे से जुड़ा है। बताया जाता है कि एक अनियंत्रित ट्रक सड़क किनारे एक घर में घुस गया। हादसे में ट्रक का ड्राइवर वाहन के अंदर फंस गया और गंभीर रूप से घायल हो गया।
स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना फेकला थाना और बहादुरपुर थाना को कई बार फोन कर दी, लेकिन पुलिस देर से घटनास्थल पर पहुंची। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी मशीन बुलाई गई, तब तक ड्राइवर की हालत गंभीर हो चुकी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थानाध्यक्ष और ड्राइवर के बीच विवाद कैसे हुआ?
थानाध्यक्ष मोती कुमार का कहना है कि देरी से पहुंचने के लिए ड्राइवर जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वे पुलिस टीम के साथ तैयार होकर निकलने वाले थे, लेकिन ड्राइवर देव कुमार समय पर नहीं आए।
थानाध्यक्ष का बयान:
“मैंने ड्राइवर को बार-बार फोन किया, लेकिन वे समय पर नहीं आए। अगर वे ड्यूटी पर होते, तो शायद हम समय पर पहुंच सकते और ट्रक ड्राइवर की जान बच सकती थी। मैंने सिर्फ उनसे देरी का कारण पूछा, जातिसूचक गाली देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।”
वहीं, ड्राइवर देव कुमार का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया और थप्पड़ मारा। अपमानित महसूस होने के बाद उन्होंने गाड़ी की चाबी जमीन पर फेंक दी और थाने से चले गए।
स्थानीय लोगों का क्या कहना है?
घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय निवासियों ने बताया कि पुलिस की देरी के कारण ट्रक ड्राइवर की मौत हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर पुलिस समय पर पहुंच जाती, तो ड्राइवर को बचाया जा सकता था।
पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलरेड्डी ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सर्किल इंस्पेक्टर को इस घटना की पूरी रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
एसएसपी का बयान:
“मामले की जांच के लिए सर्किल इंस्पेक्टर को भेजा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, थानाध्यक्ष के जातिसूचक शब्द कहने की पुष्टि नहीं हुई। लेकिन, थानाध्यक्ष द्वारा ड्राइवर को थप्पड़ मारने की बात सामने आई है। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई होगी।”
क्या होगा आगे?
अगर जांच में थानाध्यक्ष दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
ड्राइवर देव कुमार के अनुशासनहीन व्यवहार (गाड़ी की चाबी फेंकना और ड्यूटी में देरी) पर भी पुलिस विभाग कार्रवाई कर सकता है।
इस मामले को जातीय रंग देने की कोशिश हो रही है, इसलिए पुलिस प्रशासन इसे संवेदनशील तरीके से संभाल रहा है।
निष्कर्ष
फेकला थाना विवाद पुलिस प्रशासन की कार्यशैली और अनुशासन से जुड़ा मामला बनता जा रहा है। जहां एक तरफ थानाध्यक्ष ने देरी के लिए ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया, वहीं दूसरी तरफ ड्राइवर ने जातीय अपमान का आरोप लगाया। अब इस पर अंतिम निर्णय एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।