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15 मार्च, 2024
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Darbhanga का कुशेश्वरस्थान, 11 माह बीत गए, नहीं दिख रहा विकास, लाचार व्यवस्था का कौन जिम्मेदार?

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कुशेश्वरस्थान, देशज टाइम्स। कुशेश्वरस्थन पूर्वी के मुख्य पार्षद शत्रुघ्न पासवान उर्फ जरूण पासवान, उपमुख्य पार्षद सुजीत पासवान समेत सभी वार्ड पार्षदों ने नगर पंचायत की कार्यशैली पर बुधवार को जमकर हमला (Development is not visible in Kusheshwarsthan) बोला है।

कहा है कि यह कैसी व्यवस्था है जहां विकासात्मक कार्य ठप पड़े हैं। कार्यालय में ताला लटका है। सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में विकास कराने के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं। लेकिन, कुव्यवस्था का आलम है। पढ़िए पूरी खबर

निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण के 11 महीने बाद भी नगर पंचायत में विकास का कोई काम नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं कार्यपालक पदाधिकारी सहित नगर पंचायत में नियुक्त कर्मियों के नहीं आने से कार्यालय में ताला लटका रहता है। नगर पंचायत में विकास का कोई काम नहीं होने से जनप्रतिनिधियों को वार्ड के लोगों का कोपभाजन होना पड़ रहा है।

कार्यालय में ताला लटके रहने से मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद सहित सभी वार्ड पार्षदों को बैठने तक कि ठौर नहीं है। जिससे सभी जनप्रतिनिधियों को जहां तहां भटकना पड़ता है।

जानकारी के अनुसार, 13 वार्ड पार्षदों वाले कुशेश्वरस्थन पूर्वी नगर पंचायत के गठन के बाद 18 दिसंबर 2022 को चुनाव,22 दिसंबर 2022 को मतगणना में सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने 13 जनवरी 2023 को शपथ लेकर विधिवत कार्यभार संभाला लिया।

शपथ ग्रहण के 11 महीने बीतने के बाद भी अब तक नगर पंचायत के किसी भी वार्ड में विकास का कोई काम नहीं हुआ है। सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में विकास कराने के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं।

मुख्य पार्षद शत्रुघ्न पासवान उर्फ जरूण पासवान, उपमुख्य पार्षद सुजीत पासवान सहित सभी वार्ड पार्षद नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर कार्यालय में ताला लटका देख कर आक्रोश व्यक्त करते हुए सभी ने कार्यपालक पदाधिकारी जयचंद्र अकेला पर मनमानी करने का आरोप लगाया है।

कहा कि नगर पंचायत के विभिन्न पदों पर नियुक्त 8 कर्मी भी कार्यालय पर झांकने तक नहीं आते हैं। मुख्य पार्षद श्री पासवान ने बताया कि विभिन्न पदों पर नियुक्त कर्मियों की बहाली कैसे हुई और कौन-कौन किस पद पर है। इसका भी कोई जानकारी किसी जनप्रतिनिधि को नहीं है।

उन्होंने बताया कि नगर पंचायत में विकास का कोई काम नहीं होने से जनप्रतिनिधियों को वार्ड के लोगों का कोपभाजन होना पड़ रहा है। कहा कि सरकार कुशेश्वरस्थन को नगर पंचायत का दर्जा तो दिया गया। लेकिन लोगों को शहरी जैसा मिलने वाले सुविधा यहां नदारत है।

इस संबंध में पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी जयचन्द अकेला ने बताया कि कई नगर पंचायत के प्रभार में रहने से लगातार एक जगह कार्य करना संभव नहीं है।रही बात विकास कार्य नहीं होने की तो सभी वार्डों से तत्काल डेढ़ दर्जन योजनाओं के तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास प्रमंडल दरभंगा को भेजा गया।

उन्होंने बताया कि नगर पंचायत में विकास का कोई काम नहीं होने से जनप्रतिनिधियों को वार्ड के लोगों का कोपभाजन होना पड़ रहा है। कहा कि सरकार कुशेश्वरस्थन को नगर पंचायत का दर्जा तो दिया गया। लेकिन लोगों को शहरी जैसा मिलने वाले सुविधा यहां नदारत है।

रही बात विकास कार्य नहीं होने की तो सभी वार्डों से तत्काल डेढ़ दर्जन योजनाओं के तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास प्रमंडल दरभंगा को भेजा गया। लेकिन नगर विकास प्रमंडल मधुबनी ने अपने पत्र के हवाले से कुशेश्वरस्थन पूर्वी नगर पंचायत उनके अधीन होने की जानकारी दी।

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नगर विकास प्रमंडल दरभंगा और मधुबनी के बीच फंसे मामले को लेकर तकनीकी स्वीकृति मिलने में बिलंब के कारण विकास कार्य रुका हुआ है। जैसे ही नगर विकास प्रमंडल दरभंगा और मधुबनी के मामले का निराकरण होता है। विकास का काम शुरू हो जाएगा।

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