दरभंगा | कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र ज्योतिषाचार्य डॉ. राजनाथ झा मलेशिया में आयोजित “श्री सुब्रमण्यम एस्ट्रोलॉजिकल एंड स्पिरिचुअल कन्वोकेशन 2025” में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किए गए हैं। यह सम्मेलन 29 जुलाई से 2 अगस्त 2025 तक चलेगा, जिसमें दुनियाभर के ज्योतिषविद और आध्यात्मिक विद्वान भाग लेंगे।
भूकंप पर वैदिक पूर्वानुमान विषय पर देंगे शोध व्याख्यान
डॉ. झा इस मंच पर भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के वैदिक पूर्वानुमान (Earthquake Forecasting via Vedic Astrology) विषय पर अपना शोध प्रस्तुत करेंगे, जो भारत की वैदिक वैज्ञानिक परंपरा को एक नई पहचान देगा।
वे ज्योतिर्वेद विज्ञान संस्थान, पटना के निदेशक हैं और पूर्व में भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बिहार की ज्योतिष परंपरा को गौरव दिला चुके हैं।
संस्कृत विश्वविद्यालय से ली पीएचडी, किया राज्य का नाम रोशन
डॉ. राजनाथ झा, मधुबनी जिले के दीप गांव निवासी हैं और उन्होंने वर्ष 1998 में संस्कृत विश्वविद्यालय के गणित-ज्योतिष विभाग से प्रथम श्रेणी में आचार्य की उपाधि प्राप्त की।
बाद में इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने डॉक्टरेट (PhD) की उपाधि प्राप्त की। वे आज भी भूकंप, कैंसर, मानसिक रोग, और स्वास्थ्य ज्योतिष जैसे विषयों पर शोध कार्य करा रहे हैं।
2016 में NAAC टीम को किया था प्रभावित
2016 में NAAC टीम के निरीक्षण के दौरान डॉ. झा ने भूकंप के पूर्वानुमान पर जब अपने वैदिक गणना आधारित तर्क प्रस्तुत किए, तो टीम के सदस्य आश्चर्यचकित और प्रभावित हुए थे। उसी विषय को अब वे मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करेंगे।
भारत की वैदिक दृष्टि को मिलेगा नया मंच
डॉ. झा का कहना है:
“बिहार आर्यभट्ट, वराहमिहिर और हेमांगद ठाकुर की भूमि रही है। यदि आज भी राज्य में शोध और वेधशालाओं की सुविधा हो, तो हम फिर से विश्व गुरु बन सकते हैं।”