
दरभंगा में पुलिस लापरवाही का बड़ा खेल! आरोपी को कोर्ट से मिली ज़मानत|90 दिन में चार्जशीट नहीं, आरोपी बाहर! कोर्ट ने दी ज़मानत, पुलिस पर उठे सवाल।अनुसंधानक की लापरवाही से आरोपी आज़ाद!@दरभंगा,कोर्ट रिपोर्टर, देशज टाइम्स।
लापरवाही या साजिश? 90 दिन पूरे, मिली जमानत
दरभंगा कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश। समय पर आरोप पत्र नहीं दाखिल, आरोपी को मिली राहत – दरभंगा कोर्ट सख्त। पुलिस ने नहीं किया काम पूरा, आरोपी को मिल गई ज़मानत!लापरवाही या साजिश? 90 दिन पूरे होने पर आरोपी को मिली जमानत। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आदेश बेअसर, कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत@दरभंगा,कोर्ट रिपोर्टर, देशज टाइम्स।
अनुसंधान में लापरवाही, आरोपी को ज़मानत
दरभंगा, कोर्ट रिपोर्टर, देशज टाइम्स। वरीय पुलिस पदाधिकारियों द्वारा लगातार निर्देश दिए जाने के बावजूद कई अनुसंधानक (Investigators) समय पर आरोप पत्र (Charge Sheet) दाखिल नहीं कर रहे हैं। इसका सीधा लाभ आरोपियों (Accused) को न्यायिक प्रक्रिया के तहत मिल रहा है।
कोर्ट का आदेश और केस विवरण
मंगलवार को उत्पाद अधिनियम के विशेष न्यायाधीश श्रीराम झा की अदालत ने केवटी थाना कांड संख्या 170/21 से बने जीओ वाद संख्या 1248/21 के आरोपी संतोष शर्मा को ज़मानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।
कारण यह रहा कि अनुसंधानक (Investigating Officer) ने 90 दिनों के भीतर पूरक आरोप पत्र (Supplementary Charge Sheet) दाखिल नहीं किया।
कोर्ट ने आरोपी को दप्रसं (CrPC) की धारा 167(2) का लाभ देते हुए ज़मानत प्रदान की। साथ ही, आदेश की प्रति वरीय पुलिस अधीक्षक दरभंगा (SSP Darbhanga) को भेजने का निर्देश दिया।
दूसरी केस में भी लापरवाही
इसी मामले में पुलिस ने एक अन्य आरोपी को रिमांड कराया। लेकिन जानकारी होने के बावजूद अनुसंधानक ने निर्धारित समय सीमा (Time Limit) के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया।
पहले भी मिल चुकी थी ज़मानत
यहां उल्लेखनीय है कि 19 अगस्त 2025 को ही अदालत ने आरोपी संतोष शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए, आरोप गठन (Framing of Charges) के बाद बंधपत्र जमा करने की शर्त पर जमानत प्रदान की थी।
इसी बीच 26 अगस्त को आरोपी की कारावधि (Custody Period) 90 दिन पूरी हो गई। आरोपी के अधिवक्ता ने धारा 167(2) CrPC के तहत जमानत की गुहार लगाई। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए आरोपी को बंधपत्र (Bond) जमा करने पर ज़मानत दे दी।