
दरभंगा | जिले के जाले प्रखंड अंतर्गत राढ़ी उत्तरी पंचायत के खजूरवाड़ा गांव में कृषि विज्ञान केन्द्र (KVK) की ओर से गुरुवार को एक दिवसीय गैर संस्थागत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग और उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी देना था।
कार्यक्रम की समन्वयक कृषि अभियंत्रण वैज्ञानिक ई. निधि कुमारी ने बताया कि वर्तमान समय में खेती से मजदूरों का पलायन, श्रमिकों की कमी और बढ़ती लागत किसानों को खेती से दूर कर रही है। ऐसे में कई किसान दूसरे प्रदेशों में रोजगार की तलाश में जा रहे हैं।
खेती की लागत घटाने में मददगार यंत्र
वैज्ञानिक ई. निधि ने बताया कि यदि किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का सही तरीके से इस्तेमाल करें तो खेती की लागत 20 से 30 प्रतिशत तक घटाई जा सकती है।
उन्होंने जोर दिया कि आने वाले समय में खेती को पूरी तरह मशीनीकृत (Mechanized Farming) करना होगा ताकि युवा किसान इसे सिर्फ परंपरा नहीं बल्कि लाभकारी व्यवसाय के रूप में देख सकें।
ट्रैक्टर के बहुआयामी उपयोग
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि बहुत से किसानों के पास ट्रैक्टर होते हैं, लेकिन वे केवल जुताई के लिए ही उपयोग करते हैं।
दरअसल, ट्रैक्टर का प्रयोग शून्य जुताई विधि (Zero Tillage) और पंक्तिबद्ध बुआई (Line Sowing) के लिए भी किया जा सकता है।
इससे किसान धान, गेहूं, मूंग, मसूर, धनिया, राई जैसी फसलों की सटीक बुआई कर सकते हैं।
इस मशीन की बीज बोने की क्षमता लगभग 0.35 हेक्टेयर प्रति घंटे है।
साथ ही इसमें दानेदार उर्वरक को भी बीज के साथ ही डाला जा सकता है, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होती है।
खेती को आसान बनाने वाले अन्य कृषि यंत्र
वैज्ञानिक ने किसानों को कई अन्य आधुनिक कृषि यंत्रों से भी परिचित कराया, जो खेती को आसान और सुलभ बना सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
रीपर कम बाइंडर (Reaper-cum-Binder) – फसल काटने और बांधने में उपयोगी।
लेजर लैंड लेवलर (Laser Land Leveler) – खेत को समतल करने के लिए।
वीडर (Weeder) – खेत की निंदाई-गुड़ाई के लिए।
रेज़्ड बेड प्लांटर (Raised Bed Planter) – अधिक उत्पादन और बेहतर जल प्रबंधन के लिए।
मेज डिबलर (Maize Dibber) – मक्का बोने में सहायक।
राइस-व्हीट सीडर (Rice-Wheat Seeder) – धान व गेहूं की एकसाथ खेती में मददगार।
मल्चर (Mulcher) – फसल अवशेष प्रबंधन के लिए।
हेय रैक (Hay Rake) – चारे को इकट्ठा करने में उपयोगी।
पावर टीलर (Power Tiller) – छोटे किसानों के लिए बहुउपयोगी यंत्र।
इन सभी मशीनों से किसान कम श्रम में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में खजूरवाड़ा गांव के लगभग 32 किसानों ने सक्रिय भागीदारी की। इनमें प्रमुख रूप से गुरुदयाल यादव, नथुनी यादव, विकास यादव और आनंद कुमार शामिल थे।
किसानों ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें खेती के नए तरीकों को समझने और आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें…
खजूरवाड़ा में आयोजित यह प्रशिक्षण दर्शाता है कि यदि किसान आधुनिक कृषि यंत्रों को अपनाएँ, तो खेती न केवल कम खर्चीली होगी, बल्कि अधिक लाभदायक भी बन सकती है।
कृषि विज्ञान केन्द्र, दरभंगा की यह पहल स्थानीय किसानों को स्वावलंबी बनाने और उन्हें खेती में नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।