Darbhanga | फोर्टिफाइड राइस खाएगा Darbhanga, जानिए आम चावल से कितना अलग है और कैसे होता है तैयार? दरभंगा प्रेक्षा गृह में फोर्टीफाइड चावल की गुणवत्ता नियंत्रण एवं भंडारण को लेकर एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन एवं अतिथि सम्मान
उद्घाटन जिलाधिकारी दरभंगा श्री राजीव रौशन सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथियों में श्रीमती वृंदा किराडु (सीनियर प्रोग्राम एसोसिएट, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम), श्री राजेश कुमार (सचिव, आरटीओ), जिला आपूर्ति पदाधिकारी राकेश रंजन, उप निदेशक जन संपर्क सत्येंद्र प्रसाद एवं अनुमंडल पदाधिकारी सदर विकास कुमार शामिल रहे।
मिथिला की परंपरा के अनुसार अतिथियों को पाग, चादर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
फोर्टीफाइड चावल का महत्व
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि फोर्टीफाइड चावल का स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो एनीमिया एवं पोषण की कमी से बचाते हैं।
चावल की मिलिंग और पॉलिशिंग के दौरान आवश्यक पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, लेकिन फोर्टिफिकेशन प्रक्रिया से यह पोषक तत्व फिर से जोड़े जाते हैं।
फोर्टीफाइड चावल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को संतुलित करने और भविष्य की पीढ़ियों को स्वस्थ रखने में सहायक है।
खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण की पहल
श्रीमती वृंदा किराडु ने कहा कि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की यह पहल चावल को अतिरिक्त पोषक तत्वों से भरपूर बनाकर कुपोषण को रोकने में मदद करेगी।
कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञों ने फोर्टीफाइड चावल की प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण और भंडारण के बारे में जानकारी दी।
निष्कर्ष
इस कार्यशाला का उद्देश्य फोर्टीफाइड चावल के महत्व को प्रचारित करना और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।