
क्योंकि, अनुच्छेद 19 (1) (A) के तहत सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है। इंटरनेट और सोशल मीडिया ने इसे प्रोत्साहित करने में अहम रोल निभाया है। हालांकि अभिव्यक्ति की यह आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं। और, दूसरे को आहत या नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
जैसे, नफरत फैलान की कोशिश करने पर आईटी की धारा 67 के तहत कार्रवाई की जाती है। ऐसे में यूजर्स से अपील है कि सोशल मीडिया पर ऐसा कंटेंट पोस्ट ना करें, जिसमें आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हो, धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश हो, किसी के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा हो, देश की एकता, अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा हो, किसी संप्रदाय के खिलाफ हो, अफवाह हो, किसी को जान से मारने की धमकी हो, अश्लील कंटेंट हो, चाइल्ड पोर्नोग्राफी हो।
ऐसा होने पर आप पर कार्रवाई की जा सकती है। और, कुछ धाराओं में जेल तक का प्रावधान है। भारत के आईटी नियम के अनुसार साइबर क्राइम में सजा का प्रावधान है. ये सजा 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक है साथ ही जुर्माने का प्रावधान एक लाख से ले कर 10 लाख रुपए तक है।