दरभंगा, देशज टाइम्स। बिहार संपर्कक्रांति सुपरफास्ट में दिल्ली से दरभंगा के जनवरी तक टिकट फुल हो चुके हैं। इससे दुर्गापूजा, दीपावली से लेकर छठ मनाने वाले परदेशियों के लिए घर आना मुश्किल हो गया है। रितेश कुमार सिन्हा की रिपोर्ट…
दरभंगा, इस वर्ष दशहरा दीवाली और छठ के मौके पर परदेश से दरभंगा और आस पास के लोगो को आना काफी मुश्किल हो रहा है। बताया जा रहा है अभी से ही दिल्ली से दरभंगा आनेवाली ट्रेनों टिकट नहीं मिल रहा है।
दुर्गा पूजा, दिवाली, छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहार में परदेस में रहने वाले दरभंगा,मधुबनी सहित कई जिले के लोग हर साल अपने घर आते हैं। प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में यात्री पर्व-त्योहार के अवसर पर घर पहुंचते हैं। लेकिन इस वर्ष ट्रेनों में आरक्षण की स्थिति देखकर परदेस से घर आने वालों की परेशानी काफी बढ़ गयी है।
दरभंगा जंक्शन के रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली से दरभंगा आने वाली 12566 बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट में स्लीपर में एक जनवरी तक आरक्षण उपलब्ध नहीं है। वहीं, नई दिल्ली से आने वाली 12562 स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट में भी 16 दिसंबर तक आरक्षण नहीं मिल रहा है।
आनंद विहार से जयनगर आने वाली 12436 में 15 दिसंबर, अंबाला से दरभंगा होते हुए जाने वाली 14674 तथा 14650 शहीद एवं सरयू यमुना एक्सप्रेस में भी क्रमश 31 व 11 दिसंबर तक आरक्षण नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा दरभंगा आने वाली किसी भी प्रमुख दूरगामी ट्रेन में पर्व-त्योहार के दौरान स्लीपर में भी आरक्षण उपलब्ध नहीं है। ऐसे में परदेसियों के घर आने पर ग्रहण लग गया है।
हालांकि बड़े शहरों से अब लगभग हर जिले के लिए अब बस की सेवा भी उपलब्ध है और बसों में भी ट्रेनों के तर्ज पर लोग एडवांस टिकट लेने लगे हैं।
लेकिन वहां की स्थिति भी ठीक नहीं है। एक तो बस के अधिक किराये से आम आदमी कुछ परेशानी भी महसूस करते हैं, उसमें भी सीट की उपलब्धता सुनिश्चित नजर नहीं आ रही है।
दूसरी ओर कई ऐसे यात्री भी हैं जो बस के सफर को सुरक्षित नहीं मानते हैं। ऐसे में उनके लिए त्योहार में घर आना कठिन हो रहा है। शहर के दिलावरपुर के रमाकांत चौधरी ने कहा कि मेरा पुत्र अभिषेक दिल्ली में रहता है। वह पर्व के मौके पर घर आना चाहता है, लेकिन नयी दिल्ली से दरभंगा आने वाली एक भी ट्रेन में आरक्षण नहीं मिल रहा है।
दिल्ली से दरभंगा फ्लाइट टिकट का कीमत काफी अधिक रहने के कारण इतना पैसा खर्च करना संभव नहीं है। बसों में भी आसानी से सीट नहीं मिल रही है। ऐसे में वह घर कैसे आएगा, इसकी चिंता सता रही है। वहीं, बेंता के रामसागर झा ने कहा कि उनका पुत्री दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करती है। दुर्गा पूजा में वह घर आना चाहती है, लेकिन ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिलने के कारण परेशानी बढ़ गयी है।