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26 नवम्बर, 2024
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जेपी तेरे अरमानों को दिल्ली तक पहुंचाएंगे…सत्ता तक पहुंच हुई मगर…भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी का क्या होगा…जेपी सेनानियों ने उठाए कई गंभीर सवाल

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जाले, देशज टाइम्स। लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्मोत्सव समारोह लहेरियासराय स्थित काली मंदिर प्रांगण में जिलाध्यक्ष राम नरेश सहनी की अध्यक्षता एवम जेपी सेनानी राजमंगल ठाकुर की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री अरुण कुमार पाठक ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी 120 वीं जन्म जयंती पर उनके प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें राष्ट्र पुरुष बताया। इस मौके पर उन्होंने  समारोह को संबोधित हुए कहा की तात्कालिक केंद्र सरकार ने देश पर अघोषित आपातकाल की घोषणा किया था जेपी सहित सभी विपक्षी दलों के राज नेताओ छात्र नौजवानों को जेल में निरुद्ध कर दिया था।
जेल गए सभी जेपी के अनुवाइयों को डीआइआर मीसा के तहत देशद्रोही घोषित किया था। वर्तमान मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हम जेपी सेनानी लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानी के घोषित कर अघोषित देशद्रोही का कलंक धोने का काम करें।
लोकनायक जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पण के बाद मौजूद जेपी लोकतंत्र सेनानी एवम बुद्धिजीवियों  से प्रदेश महामंत्री अरुण कुमार पाठक ने कहा कि, आज  की  राजनीति  और  राजनेताओं  का  कुछ  लेना देना लोकनायक जेपी के सिद्धांत से कोई लेना देना नहीं है।
मैं  स्वयं  भी  उसी  स्थिति  में  खुद  को  पाता हूं, रचनात्मकता  विहीन  राजनीति   युवा  शक्ति  को  समर्थवान  कैसे  बना  सकेगी ?बेरोजगारी  और भ्रष्टाचार कैसे  मिटा सकेगी?
1974 का  आंदोलन  इसी  के  लिए  था  कि भ्रष्टाचार  मिटे, महंगाई  समाप्त  हो, बेरोजगारी  दूर  हो, किन्तु  आज  1974 से  ज्यादा  विकराल  रुप  में  ये  तीनों  समस्या  देश  के  सामने खड़ी है, जबकि  राज्य  से  केन्द्र  तक  जेपी  आंदोलन  से  निकले  हुए  नेता  हीं  सत्ता  के  शीर्ष  पर  बैठे  हैं। हम  सभी  नारा  लगाते थे  जेपी तेरे  अरमानों  को  दिल्ली  तक  पहुंचाएंगे, सत्ता  को तो  दिल्ली  तक  पहुंचा  दिया, किन्तु भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी  तीनों  विशाल  रुप  धारण  कर  चुकी  है।  इसका  निदान  क्या  हो? कैसे  हो? यह  कौन सोचेंगे? कौन  करेंगे ?

जन्मदिन  हो  या  पुण्य तिथि  भाषण  में अच्छी  बातें  तो  हम  करते हैं, काम  अच्छा  कैसे  हो, यह  भूल  जाते हैं।देहाती कहावत  पुराने  लोग  बोलते  हैं।  जब  भूत  पकड़ता  है, तो  सरसों  से  झड़ाता है। जब  सरसों में ही  भूत  पकड़ ले, तो  कौन  चीज  से  झाड़ा  जायेगा? यह  सवाल  मेरे  मन के अंदर का  है, ज़िसे  आपके  सामने लाया हूं .शायद  समाधान मिल जाए।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत हम राष्ट्र के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वालों के प्रति नीयत साफ नहीं है। कांग्रेसी हुकूमत द्वारा देश में लगाए गए इमरजेंसी के सालगिरह 25 जून 1975 के साल गिरह पर उक्त दिन को काला दिवस एवम लोकतंत्र का काला दिवस बताते हुए अपना श्रेय लेने से नही चुकते है।
देश भर के जेल में निरुद्ध जेपी सेनानी जहां शारीरिक रूप से वृद्ध व बीमार हो गई है।वही आर्थिक रूप से भी अत्यंत निर्धन है। केंद्र सरकार जेपी के सेनानियो को सम्मानित करने की जरूरत नही समझती। इस  मौके पर समाज के बुद्धिजीवी ही।काफी संख्या में उपस्थित थे !सभी लोग ने जेपी के राष्ट्र के  निस्वार्थ सेवा का जिक्र किया।
वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष राजमंगल ठाकुर ने अपने संबोधन में बताया कि जेपी 1974 के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से निकले कई पार्टी एवं नेता, सत्ता पर काबिज हुए, मगर सभी नेता समाज का हितेषी नहीं बन पाए। सत्ता के लोभी हो गए, आंदोलन का रूपरेखा बदल गया है।
इन लोगों का आंदोलन किसी नेता का बचाव करना या पार्टी के लिए बन कर रहना हो गया है। जनता के लिए नहीं, आंदोलन देश हित, समाज हित में होना चाहिए! मांग ऐसा होना चाहिए जो समाज हित में हो देश हित में हो सरकार को मानने लायक हो इसमें सरकार भी अगर अहंकारी हो तो जनता उसे बदलने का काम करें!अभी नेताओं की ओर से खूब लोक लुभावनी वादा किया जाता है, जो कि देश हित में नहीं है लोगों को आलसी बना कर सत्ता पाने का योजना है।
आप जनता से अनुरोध है, कि  निस्वार्थ ही बने, लोभी ना बने, अच्छा जनप्रतिनिधि चुने, समाज पूरे देश का हो, सिर्फ अपने लिए नहीं!  बैठक को प्रदेश कोषाध्यक्ष अवधेश साह लालबाबू ठाकुर रामकरण दास रामबाबू साह अरुण चौधरी समेत दर्जनों लोगों ने संबोधित किया।
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