प्रभाष रंजन, दरभंगा। बाल पर्यवेक्षण गृह (Observation Home) में बंद बाल कैदी अमरजीत कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद बड़ा हंगामा मच गया है। अमरजीत की बर्बरतापूर्ण पिटाई से मौत होने के आरोप लग रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि बालिक नहीं होने के बावजूद अमरजीत कैसे पर्यवेक्षण गृह में भेजा गया?
जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डीएम और एसएसपी ने किया निरीक्षण
घटना के बाद शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी, डीएम राजीव रौशन और एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलरेड्डी ने पर्यवेक्षण गृह का दौरा कर पूरे मामले की जांच की। डीएम ने कहा कि,
“बाल कैदी की मौत की ज्यूडिशियल जांच (Judicial Inquiry) के आदेश दिए गए हैं और हर पहलू से गहन जांच की जा रही है।”
8 नामजद युवकों पर प्राथमिकी दर्ज
घटना के बाद पर्यवेक्षण गृह अधीक्षक के आवेदन पर लहेरियासराय थाना में मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में आठ नामजद सहित कुल नौ युवकों को आरोपी बनाया गया है।
कौन था मृतक अमरजीत कुमार?
निवासी: हिरमिया गांव, रोसड़ा थाना, समस्तीपुर जिला
उम्र: 19 वर्ष 5 महीने
आरोप: पत्नी की हत्या के मामले में बंद था
हालांकि, उम्र सीमा पार करने के बावजूद उसे बाल पर्यवेक्षण गृह में रखा जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
परिजनों में आक्रोश और डर
घटना के बाद से अमरजीत के परिजन पर्यवेक्षण गृह के बाहर डटे हुए हैं। परिजनों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि बाकी बच्चों के साथ भी कहीं कोई अनहोनी न हो जाए।
बता दें कि दो दिन पहले अमरजीत की मौत के बाद से इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।