Pushpam Priya: मिशन ‘संस्कृति + विकास’, पुष्पम प्रिया को चाहिए ‘पुष्पा राज’। सीतामढ़ी से उठी नई राजनीति की लहर! पुष्पम प्रिया का मिशन ‘संस्कृति + विकास’ । पुष्पम प्रिया का सवाल: जानकी के नाम पर राजनीति बहुत हुई, विकास कहां है? “जय श्रीराम नहीं, जय सियाराम हमारा नारा है” —“नीतीश हटेंगे तभी मास्क हटेगा” — फिर गरजीं पुष्पम प्रिया।
2020 में अकेली थीं, 2025 में खोज रहीं साझेदार! बदल गई हैं पुष्पम प्रिया?
2020 में अकेली थीं, 2025 में खोज रहीं साझेदार! बदल गई हैं पुष्पम प्रिया? अब किस ओर जाएंगी पुष्पम प्रिया — महागठबंधन या NDA? सस्पेंस बरकरार! तो माना जाए, पुष्पम प्रिया को ‘पुष्पा राज’ चाहिए।
सांस्कृतिक और राजनीतिक संदेश एक साथ
द प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपनी महायान यात्रा के तहत मिथिला के हृदय सीतामढ़ी में पहुंचकर एक सांस्कृतिक और राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति महज सत्ता की नहीं, बल्कि संस्कृति और स्थानीय विकास की साझेदार है।
“जय श्रीराम नहीं, जय सियाराम हमारा नारा है”
मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में लोगों से संवाद करते हुए पुष्पम प्रिया ने कहा,
“मिथिला की आत्मा जानकी में बसती है, और उनके विकास का कोई ठोस प्लान आज तक किसी ने नहीं दिया।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जय श्रीराम नहीं, जय सियाराम हमारा नारा है”, जो मिथिला की परंपरा, लोकभावना और सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
गठबंधन पर लचीलापन, लेकिन शर्तों के साथ
2020 में अकेले चुनाव लड़ने वाली पुष्पम प्रिया इस बार गठबंधन के लिए खुली हैं। उन्होंने कहा:
“पिछली बार हमने कहा था कि हम गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन इस बार थोड़ा ओपन हुए हैं। इसे एडप्टेबिलिटी कहते हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई पार्टी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और ठोस विकास योजना लेकर आती है, तो द प्लूरल्स पार्टी साथ चलने को तैयार है।
प्रशांत किशोर पर इशारा, “क्रेडेंशियल्स क्या हैं?”
बदलाव की राजनीति पर बोलते हुए, उन्होंने नाम लिए बिना प्रशांत किशोर पर निशाना साधा।
“बदलाव की बात हर कोई करता है, लेकिन क्रेडेंशियल्स क्या हैं? हमने 2020 में रास्ता दिखाया था और आज हर कोई उसी राह पर चल रहा है।”
उनका यह बयान मौजूदा सियासी रणनीतिकारों और नवप्रवेशियों पर सीधा प्रहार माना जा रहा है।
कौन हैं पुष्पम प्रिया चौधरी?
विवरण | जानकारी |
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जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि | जदयू के वरिष्ठ नेता प्रो. विनोद चौधरी की बेटी |
शिक्षा | यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स (IDS), लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा |
पहली चुनावी एंट्री | बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में ‘द प्लूरल्स’ के बैनर तले अकेले मैदान में |
चुनावी सीटें | बांकीपुर (पटना) और बिस्फी (मधुबनी) |
पॉलिटिकल स्टाइल | विकास, शिक्षा, संस्कृति और नवाचार पर आधारित |
प्रतीकात्मक मास्क | नीतीश कुमार को हटाने की जिद, जब तक नीतीश सत्ता में हैं, मास्क नहीं हटेगा |
2025 के लिए नई रणनीति, नए साथी
अब जबकि 2025 का चुनाव नजदीक है, पुष्पम प्रिया की रणनीति बदली-बदली दिख रही है।
उनका कहना है,
“हम चुनाव लड़ेंगे, ये तय है। गठबंधन में या अकेले, ये वक्त तय करेगा।”
लेकिन जो बात सबसे अहम रही, वो यह कि उन्होंने दो टूक कहा,
“नफरत की राजनीति से हम दूर हैं। जो विकास का ठोस खाका लेकर आएगा, उसी के साथ चलेंगे।”
निष्कर्ष: राजनीति में व्यावहारिकता और साझेदारी का नया संकेत
सीतामढ़ी की धरती से पुष्पम प्रिया ने जहां एक ओर मिथिला की संस्कृति को सम्मान दिया, वहीं दूसरी ओर राजनीति में व्यावहारिकता और साझेदारी का नया संकेत भी दे दिया। अब देखना यह है कि वो महागठबंधन की ओर बढ़ेंगी या NDA के साथ खड़ी होंगी, लेकिन इतना तय है कि 2025 की लड़ाई में ‘द प्लूरल्स’ फिर से चर्चा में है।