
दरभंगा कोर्ट से बड़ा संदेश: बाल विवाह सामाजिक अभिशाप, मिटाने का लिया संकल्प। “यत्र नार्यस्तु पुजयन्ते…” दरभंगा कोर्ट में गूंजा बाल विवाह के खिलाफ संदेश। बच्चे हैं राष्ट्र का भविष्य! दरभंगा कोर्ट ने बाल विवाह रोकने को दिया बड़ा संदेश। दरभंगा सिविल कोर्ट में गूंजा संकल्प – गांव-गांव जाकर बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई होगी।@दरभंगा, देशज टाइम्स कोर्ट रिपोर्टर।
डीएम-एसएसपी समेत बड़े अधिकारियों ने ली शपथ
न्यायधीश बोले – जब तक समाज जागरूक नहीं होगा, कानून बेअसर रहेगा! डीएम-एसएसपी समेत बड़े अधिकारियों ने ली शपथ – बाल विवाह खत्म करने का अभियान तेज़ होगा। बाल विवाह के खिलाफ दरभंगा कोर्ट की पहल – समाज और कानून मिलकर चलेंगे तभी खत्म होगी कुरीति
दरभंगा सिविल कोर्ट में विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक, बाल विवाह रोकथाम पर जोर
दरभंगा, देशज टाइम्स कोर्ट रिपोर्टर। सिविल कोर्ट स्थित मध्यस्थता भवन में मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) की ओर से आशा योजना और बाल विवाह रोकथाम को लेकर बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा ने की।
दीप प्रज्ज्वलन से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला जज शिव गोपाल मिश्रा, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश प्रमोद कुमार, डीएम कौशल कुमार, एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी जला रेड्डी और प्राधिकार की सचिव आरती कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
बाल विवाह रोकथाम पर सख्ती
प्रधान जिला जज शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि भारत में नारी को सम्मान देने की परंपरा रही है, लेकिन आज भी बाल विवाह जैसी कुरीति समाज को पीछे धकेल रही है।
एक बच्चा जो शारीरिक और मानसिक रूप से परिपक्व नहीं है, वह परिवार की जिम्मेदारी नहीं निभा सकता। बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है, इसे खत्म करने के लिए समाज को शिक्षित और जागरूक बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज जागरूक नहीं होगा, कोई भी कानून कारगर साबित नहीं हो सकता।
डीएम कौशल कुमार और एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी का संदेश
डीएम कौशल कुमार ने कहा कि सामाजिक जागरूकता और कानून दोनों के सहारे ही बाल विवाह पर रोक लगाई जा सकती है। एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी जला रेड्डी ने भी समाज से इस कुरीति के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
मौजूद रहे अधिकारी और संगठन
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ, अधिवक्ता और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे। संचालन न्यायिक पदाधिकारी आनंद ने किया।