Satish Jha | बेनीपुर, 20 दिसंबर: जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से बुजुर्ग बंदियों और गंभीर रूप से बीमार बंदियों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इस पहल का उद्देश्य इन बंदियों को निःशुल्क विधिक सेवाएं उपलब्ध कराकर उनकी रिहाई और देखभाल सुनिश्चित करना है।
बुजुर्ग बंदियों के लिए विशेष राहत
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रंंजन देव ने बताया:
- यह अभियान मानवाधिकार दिवस पर नालसा (NALSA) द्वारा शुरू किया गया है।
- अभियान का समापन 5 मार्च 2025 को होगा।
- 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग बंदियों और किसी भी उम्र के गंभीर रूप से बीमार बंदियों को चिन्हित कर संबंधित न्यायालय में जमानत या रिहाई का आवेदन किया जाएगा।
- न्यायालय के आदेश के बाद, इन बंदियों को उनके परिवार को सुपुर्द किया जाएगा ताकि उनकी उचित देखभाल हो सके।
जेल का निरीक्षण और सुधार पर जोर
सचिव ने मासिक निरीक्षण के तहत उपकारा के विभिन्न वार्डों, चिकित्सालय, रसोईघर और जेल लीगल एड क्लिनिक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आवश्यक सुधार और व्यवस्थाओं के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए।
मौके पर उपस्थित अधिकारी और अधिवक्ता
इस अभियान के दौरान पैनल अधिवक्ता और जेल प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे:
- पैनल अधिवक्ता: मो. हैदर अली, सुधा रानी, अमोल कुमार झा
- जेलर: रत्नेश कुमार राय
- जेल चिकित्सक: डॉ. सलमान रजा
- अन्य अधिकारी: सहायक कुमार गौरव, मुन्ना दास, प्रदीप शाफी
अभियान का महत्व
इस विशेष अभियान का उद्देश्य न केवल मानवाधिकारों की रक्षा करना है, बल्कि उन बुजुर्ग और बीमार बंदियों को राहत देना भी है, जिन्हें न्यायिक प्रक्रिया और चिकित्सा सुविधाओं की सबसे अधिक आवश्यकता है।