दरभंगा, देशज टाइम्स। क्रांति, उत्साह, भावना, नवजीवन, परिवर्तन का दूसरा नाम है Darbhanga की Nandini Jha, कविता से बदल रहीं Mithila WomanHood की Face।
मिथिला सदैव विद्यार्थियों, शिक्षार्थियों एवं धर्मार्थियों की भूमि रही है। इसी कड़ी में मिथिला की उर्वर साहित्यिक धरती ने एक और नई प्रतिभा को जन्म दिया है। बेनीपुर नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धेरुख गांव की निवासी नंदिनी झा ने अपने भावनापूर्ण और संवेदनशील काव्य पाठ से साहित्य प्रेमियों का दिल जीत लिया।
भव्य मैथिली कवि सम्मेलन, बिरौल की आन…
यह अवसर था साहित्य अकादेमी और जनता कोशी महाविद्यालय बिरौल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भव्य मैथिली कवि सम्मेलन का, जहां विभिन्न जिलों से आए ख्यातिलब्ध साहित्यकारों की उपस्थिति में नंदिनी ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।
प्रस्तुति में समाज की पीड़ा, संवेदना और संस्कृति की झलक
नंदिनी झा ने अपने काव्य पाठ में मिथिलांचल की ज्वलंत समस्याओं और मानवीय भावनाओं को पूरी संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया। उनकी कविताओं में पलायन की पीड़ा, स्त्री विमर्श, मातृत्व की महिमा, प्रेम और आंचलिक संस्कृति की गूँज साफ सुनाई दी।
केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना
कविता पाठ के दौरान सभागार में कई बार तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही, जो दर्शकों की गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया को दर्शा रही थी। उनकी कविताएं केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की स्पष्ट अभिव्यक्ति थीं।
वरिष्ठ साहित्यकारों ने की मुक्त कंठ से सराहना
सम्मेलन के मंच पर मौजूद प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने नंदिनी की प्रस्तुति को सराहते हुए कहा कि ऐसी प्रतिभाएं ही मिथिला की साहित्यिक परंपरा को आगे बढ़ाने में सहायक बनेंगी। उन्होंने नंदिनी को प्रेरणा देते हुए कहा कि वे अपनी लेखनी को लगातार धार देती रहें और ऐसे मंचों पर अपनी उपस्थिति बनाए रखें। नंदिनी की प्रस्तुति ने यह सिद्ध कर दिया कि युवा पीढ़ी भी साहित्य की गहराइयों में डूबकर समाज को नई दिशा दे सकती है।
युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बना यह आयोजन
यह कवि सम्मेलन न केवल वरिष्ठ रचनाकारों के लिए एक साझा मंच था, बल्कि उभरती प्रतिभाओं के लिए भी एक नई उम्मीद बनकर उभरा। नंदिनी ने मंच से बोलते हुए कहा, “साहित्य अकादेमी एवं आयोजन समिति का मैं हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ। ऐसे मंच हमें अपनी पहचान बनाने, अनुभव प्राप्त करने और समाज से जुड़ने का अनमोल अवसर देते हैं।”
साहित्य के साथ सेवा का भी सपना
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए नंदिनी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि उन्हें साहित्य पढ़ना और लिखना हमेशा से पसंद रहा है। विशेष रूप से मैथिली भाषा ने उनके भीतर एक विशेष संवेदना उत्पन्न की है।
सिविल सेवा में जाने की है योजना
उन्होंने बताया कि उनकी आगे की योजना सिविल सेवा में जाने की है, ताकि वे समाज के जरूरतमंद वर्गों के लिए कार्य कर सकें। वे विशेष रूप से स्त्री सशक्तिकरण, शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि लेखनी के माध्यम से वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगी।
मिथिला की साहित्यिक चेतना को नई दिशा
दरभंगा में आयोजित यह मैथिली कवि सम्मेलन न केवल भाषा और साहित्य को समर्पित एक सांस्कृतिक महोत्सव सिद्ध हुआ, बल्कि यह नवोदित लेखकों के लिए भी प्रेरणास्रोत बना। नंदिनी झा जैसी युवा कवयित्री की प्रस्तुति ने यह स्पष्ट कर दिया कि मैथिली साहित्य की नई पीढ़ी भी न केवल जागरूक है, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़ी हुई है और भविष्य में इसे नई ऊँचाइयों तक ले जाने में सक्षम है।