दरभंगा। समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव-सह-अपर जिला न्यायाधीश जावेद आलम ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ 12 मार्च 2022 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने को लेकर वर्चुअल बैठक करते हुए कई निर्देश दिए।
जय बाबा केदार..!
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उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकरी को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 मार्च को निर्धारित है। इस आयोजन को आप सभी के सहयोग से सफल बनाना है।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के ऊपर बड़ी चुनौती आ गयी है। लगातार केसों की संख्या बढ़ रही है, वैसे मामले, जो आपसी सुलह-समझौता के आधार पर ग्राम कचहरी स्तर से ही निपटाया जा सकता है, वैसे मामलों की संख्या आधे से अधिक है। जिसके कारण न्यायालय में बड़े मामलों की सुनवाई में विलम्ब हो रहा है।
उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपने पंचायत के ग्राम कचहरी को क्रियाशील एवं सशक्त बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता में 40 ऐसी धाराएँ है, जिनसे संबंधित मामलों के निपटाने की शक्ति ग्राम कचहरीमें निहित है।
उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी सचिव ग्राम कचहरी के पेशकार होते हैं और सरपंच वहाँ का न्यायाधीश है। और सभी पंच जुरी के रूप में हैं। प्रायः देखा जा रहा है कि ग्राम कचहरी खुलती ही नहीं है, जबकि प्रतिदिन 10ः00 बजे से 05ः00 बजे तक ग्राम कचहरी खुलना चाहिए, वहाँ न्याय मित्र को रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी में बैठने की व्यवस्था नहीं रहती है, जबकि प्रत्येक माह ग्राम कचहरी सचिव को 04 हजार रूपये लेखन सामग्री इत्यादि क्रय करने हेतु दी जाती है, जिससे कुर्सी, टेबल इत्यादि का भी क्रय किया जा सकता है। प्रखंड विकास पदाधिकारी स्वयं पहल कर सभी ग्राम कचहरी में उपस्कर की व्यवस्था करवा दें।
उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी की दीवार पर बोर्ड लगा रहना चाहिए। जिस पर सरपंच, पंच, न्याय मित्र, वार्ड सदस्य, कचहरी सचिव का नाम एवं मोबाईल नम्बर लिखा रहना चाहिए। उन्होंने कहा की ग्राम कचहरी एक अदालत है, जिसमें न्यायालय की शक्ति निहित है। यद्यपि उसके दायरे सिमित रखे गये हैं, लेकिन ग्रामीण स्तर पर ऐसे अनेक वाद होते हैं, जिनका निष्पादन सुनवाई के आधार पर ग्राम कचहरी में किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 10 फरवरी तक ऐसे मामलों की सुनवाई ग्राम कचहरी स्तर पर करवा कर उसकी सूची जिला विधिक सेवा प्राधिकार को उपलब्ध करा दिया जाए, ताकि इसे राष्ट्रीय लोक अदालत के द्वारा वाद निष्पादन में शामिल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी का नोटिस तामिला करने हेतु चौकीदार की प्रतिनियुक्ति थाना के माध्यम से ग्राम कचहरी में करायी जा चुकी है। थाना के द्वारा भी मारपीट की घटना में भादसं0 की धारा – 147 लगा दी जाती है, ताकि मामला ग्राम कचहरी में नहीं जा सके। उन्होंने कहा कि थानों को भी ऐसे मामलें में इस तरह की धारा नहीं लगानी चाहिए। ताकि ग्राम कचहरी द्वारा मामले को निपटाया जा सके।
उन्होंने कहा कि व्यवहार न्यायालय, दरभंगा द्वारा ऐसे 03 से 04 हजार मामलों की सूची बनायी जा रही है, जिसे संबंधित ग्राम कचहरी को निपटाने हेतु भेजा जाएगा। उन्होंने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को ग्राम कचहरी के सरपंच, पंच एवं न्याय मित्र को प्रशिक्षित करने हेतु प्रखण्ड स्तर पर कार्यशाला का आयोजन कराने को कहा।
उन्होंने कहा कि ग्राम कचहरी में अनेक मामलों में अभिलेख नहीं बनाया जाता है, जबकि न्यायिक प्रक्रिया अभिलेख के आधार पर आगे बढ़ती है, लेकिन थाना स्तर पर भूमि विवाद की सुनवाई में भी अभिलेख नहीं बनाया जा रहा है। कोई भी निर्णय मौखिक सुनवाई के आधार पर नहीं हो सकता। इसलिए प्रत्येक सुनवाई में पक्ष और विपक्ष के द्वारा दिये गये साक्ष्य सहित पुरा अभिलेख रहना चाहिए।
उन्होंने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकरी को ग्राम कचहरी में अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करवाकर राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने की अपील की। बैठक में उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, वरीय उप समाहर्त्ता-सह-प्रभारी पदाधिकारी, विधि शाखा ललित राही उपस्थित थे।