पटना | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है।
इस सूची में 57 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। पार्टी ने सामाजिक समीकरणों का पूरा ध्यान रखते हुए पुराने चेहरों के साथ कई नए उम्मीदवारों को भी मौका दिया है।
लव-कुश समीकरण पर नीतीश का बड़ा दांव
जदयू की इस पहली सूची में सबसे ज़्यादा 23 उम्मीदवार लव-कुश (कुर्मी-कोइरी) समाज से हैं — यह वर्ग लंबे समय से नीतीश कुमार का कोर वोट बैंक माना जाता है।
इसके अलावा
12 उम्मीदवार दलित वर्ग से,
9 उम्मीदवार अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से,
और 12 उम्मीदवार सवर्ण वर्ग से चुने गए हैं।
महिला उम्मीदवारों पर भी भरोसा
नीतीश कुमार ने महिलाओं की भागीदारी पर भी जोर दिया है। इस सूची में चार महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला है —
मधेपुरा से कविता साहा
गायघाट से कोमल सिंह
समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी
विभूतिपुर से रवीना कुशवाहा
दरभंगा और मिथिलांचल क्षेत्र पर खास फोकस:
बेनीपुर — विनय कुमार चौधरी
दरभंगा ग्रामीण — ईश्वर मंडल
बहादुरपुर — मदन सहनी
गायघाट — कोमल सिंह
कुशेश्वरस्थान — अतिरेक कुमार
अन्य प्रमुख उम्मीदवार:
नालंदा — श्रवण कुमार
राजगीर — कौशल किशोर
मोकामा — अनंत सिंह
फुलवारी — श्याम रजक
हिलसा — कृष्ण मुरारी शरण
बरौली — मंजीत सिंह
बिहारीगंज — निरंजन मेहता
सूर्यगढ़ा — रामानंद मंडल
डुमरांव — राहुल सिंह
नीतीश कुमार का ‘सोशल बैलेंस’ फॉर्मूला
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू की यह सूची जातीय संतुलन साधने की रणनीति को मजबूत करती है।
लव-कुश और दलित वर्ग पर फोकस कर नीतीश कुमार ने अपने पुराने राजनीतिक समीकरणों को फिर से सक्रिय करने की कोशिश की है।
भाजपा और जदयू दोनों की सूचियां जारी होने के बाद राजग का उम्मीदवार समीकरण अब लगभग साफ हो गया है।