बिरौल न्यूज़: न्याय की आस लगाए बैठे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। आगामी 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर बिरौल में प्रशासनिक अमले की गहमागहमी तेज हो गई है। आखिर कौन-से खास निर्देश दिए गए हैं, जो इस बार की लोक अदालत को और भी प्रभावी बना सकते हैं?
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह अनुमंडल विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष शिव कुमार की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 13 दिसंबर को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों की समीक्षा करना और उसे सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना था। बैठक में पंचायती राज पदाधिकारियों और विभिन्न थानों के अध्यक्षों की मौजूदगी रही।
ग्राम कचहरी और थानाध्यक्षों को निर्देश
न्यायाधीश शिव कुमार ने लोक अदालत के संदर्भ में अब तक किए गए कार्यों का गहनता से जायजा लिया। उन्होंने पंचायती राज पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे प्रत्येक पंचायत में गठित ग्राम कचहरियों में लंबित उन सभी मामलों को चिन्हित कर राष्ट्रीय लोक अदालत में भेजें, जो सुलह-समझौते के योग्य हैं।
वहीं, थानाध्यक्षों को पक्षकारों तक समय पर नोटिस पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया। उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि लोक अदालत शुरू होने से कम से कम पांच दिन पहले सभी नोटिसों की तामील पूरी हो जाए और इसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए।
सफल बनाने की अपील
अनुमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी सह अनुमंडल विधिक सेवा समिति के सचिव प्रियांशु राज ने सभी उपस्थित अधिकारियों से लोक अदालत को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए अपने स्तर से हरसंभव प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह पहल आम लोगों तक न्याय पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
- बिरौल बीपीआरओ रमेश कुमार
- गौड़ाबौराम बीपीआरओ सुजीत कुमार
- कुशेश्वरस्थान बीपीआरओ कैलाश कुमार
- थानाध्यक्ष बिरौल चंद्रमणी
- कुशेश्वरस्थान थानाध्यक्ष अंकित चौधरी
- तिलकेश्वर थाने से वंदना कुमारी
- बड़गांव से विनिता कुमारी
- घनश्यामपुर से आलोक कुमार
- जमालपुर से मुकेश कुमार








