दरभंगा, देशज टाइम्स। बिहार के सीएम नीतीश कुमार मिथिला के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सिमरिया घाट के सौंदर्यीकरण एवं इसे सुविधा संपन्न बनाने को लेकर काफी तत्पर हैं। सिमरिया को हरिद्वार से बेहतर बनाने के लिए जल संसाधन विभाग से पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है और जनवरी से पहले इसे पूरा (Sanjay Kumar Jha said, Darbhanga airport should be named after poet Kokil Vidyapati) कर लिया जाएगा।
उक्त बातें मिथिला विभूति पर्व समारोह की सांस्कृतिक संध्या को संबोधित करते जल संसाधन और सूचना व जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने कही। मंत्री झा ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट का नाम कवि कोकिल विद्यापति के नाम पर होना विद्यापित के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा कि लगातार 51वें वर्ष किसी भी कार्यक्रम का आयोजन होना अपने आप में सराहनीय है। विद्यापति सेवा संस्थान लगातार विद्यापति के साथ-साथ मिथिला की संस्कृति की अलख जगाई हुई है। इसके साथ ही मिथिला के बाहर रहने वाले मैथिलीभाषियों को भी जोड़ने का कार्य कर रही है। इसके लिए संस्थान के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं।
उल्लेखनीय कार्य करने वाले 11 लोगों को आज मिला मिथिला विभूति सम्मान
मिथिला विभूति पर्व समारोह के तीसरे दिन 11 विशिष्ट लोगों को अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए मिथिला विभूति सम्मान से सम्मानित किया गया।
सम्मानित होनेवालों में मैथिली साहित्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रो. अशोक कुमार मेहता, पारंपरिक गायन कला जगत में उत्कृष्ट योगदान के लिए सोनी चौधरी, मिथिलाक्षर के उन्नयन के लिए भवनाथ झा, शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. नरेश कुमार झा एवं डॉक्टर सुल्तान अहमद, समाज सेवा के क्षेत्र में गजेंद्र कुमार झा एवं शत्रुघ्न प्रसाद यादव नारद जी, उद्यम क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए राजकुमार झा, चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ रामबाबू खेतान व डॉक्टर मनोज कुमार झा एवं एशियाई पारा रोड साइकलिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जलालुद्दीन अंसारी को मिथिला विभूति सम्मानोपाधि से अलंकृत किया गया।
विद्यापति सेवा संस्थान के अध्यक्ष सह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शशिनाथ झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में नगर विधायक संजय सरावगी, अलीनगर के विधायक मिश्रीलाल यादव, पूर्व विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, संत कुमार चौधरी, आशुतोष कुमार मिश्र, पवन कुमार, डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू, कमलाकांत झा, प्रो. जीवकांत मिश्र, प्रवीण कुमार झा, विनोद कुमार झा बूढ़ाभाई आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।