back to top
11 जुलाई, 2024
spot_img

विश्वभर में युवा सांसदों की संख्या 2% से भी कम, सहभागिता या उपेक्षा

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला DeshajTimes.Com...आपका चहेता DeshajTimes.Com... इस 20 जुलाई 2025 को हो जाएगा पूरे 7 साल का। 20 जुलाई, 2018 — 20 जुलाई, 2025 ...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित @7 साल । DeshajTimes.Com यह संस्कार है। इसमें हवा की ताकत है। सूरज सी गर्मी। चांद सी खूबसूरती तो चांदनी सी शीतलता भी। यह आग भी है। धधकता शोला भी। तपिश से किसी को झुलसा देने की हिम्मत। झुककर उसकी उपलब्धि पर इतराने की दिलकश अदा भी। आप बनें भागीदार DeshajTimes.Com के 7 साल...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.Com
spot_img
Advertisement
Advertisement

लनामिवि दरभंगा में आज विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर “मानवाधिकार और युवा विकास” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव की अध्यक्षता में किया गया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभागाध्यक्ष प्रो. मुनेश्वर यादव ने कहा, “वैश्विक शांति के लिए युवाओं में नवीनता, रचनात्मकता और मुखरता का होना जरूरी है। यह तभी संभव होगा, जब उनके मानवाधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे।”

बतौर मुख्य अतिथि सह कला संकायाध्यक्ष प्रो. चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने मानवाधिकारों के व्यावहारिक पक्ष पर बल देते हुए कहा, “मानवाधिकारों की सैद्धांतिक चर्चा अब बौद्धिक विलासिता का रूप ले चुकी है। हमें इसकी व्यवहारिकता पर ध्यान देना होगा, ताकि प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा को स्थापित किया जा सके।”

यह भी पढ़ें:  Darbhanga के बेनीपुर में युवती की उतरी फांसी से लाश, खुदकुशी या कुछ और?– क्या छिपा है कुछ?!

विभाग के वरीय आचार्य प्रो. मुकुल बिहारी वर्मा ने भारत के आर्थिक विकास और मानव विकास पर अपनी बात रखते हुए कहा, “भारत आर्थिक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन मानव विकास के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। जब हम इन दोनों में संतुलित प्रगति करेंगे, तभी भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित हो पाएगा।”

मिथिला विश्वविद्यालय के उप-परीक्षा नियंत्रक (तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा) सह विभागीय प्राध्यापक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि “विश्वभर में युवा सांसदों की संख्या 2% से भी कम है, जो मानवाधिकारों में युवाओं की सहभागिता के उपेक्षित पहलू को दर्शाता है। स्वतंत्रता दी नहीं जाती, बल्कि उसे जीता जाता है और न्याय भी वसूला जाता है।”

शोधार्थी आशुतोष कुमार पांडे ने मानवाधिकारों के उ‌द्भव और विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने लॉक और हॉब्स की प्राकृतिक अधिकारों की अवधारणा पर चर्चा करते हुए यूडीएचआर 1948 की प्रासंगिकता पर विचार रखे।

यह भी पढ़ें:  AIIMS Darbhanga Update| 2027 तक बनकर तैयार होगा Darbhanga AIIMS! अगले साल 2026 से शुरू होगी MBBS की पढ़ाई!

छात्रा समारा खान ने युवाओं के मानवाधिकारों पर चर्चा करते हुए कहा, “युवाओं के मानवाधिकार का तात्पर्य मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता का पूर्ण आनंद लेने से है।”
मंच संचालन सहायक आचार्य रघुवीर कुमार रंजन ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी अनूप कुमार ने किया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में छात्र, शोधकर्ता और शिक्षक उपस्थित रहे।

जरूर पढ़ें

Darbhanga Navodaya में बड़ा कदम! छात्र की संदिग्ध मौत के बाद प्राचार्य का तबादला, जानिए कौन बने नए प्रिसिंपल

दरभंगा नवोदय में बड़ा कदम! छात्र की संदिग्ध मौत के बाद प्राचार्य बदले। जतिन...

दरभंगा छिपलिया तालाब मर्डर केस: 7 महीने से फरार चंदन की भागदौड़ ‘समाप्त’

दरभंगा छिपलिया तालाब मर्डर केस: 7 महीने से फरार चंदन की भागदौड़ 'समाप्त' हत्या...

मतदाता सूची में लापरवाही पर Darbhanga के 10 अफसरों का वेतन बंद!

मतदाता सूची में लापरवाही पर दरभंगा के 10 अफसरों का वेतन बंद! DM कौशल...

Samastipur Medical College में जल्द शुरू होंगे Gynecology और Surgery Departments | Darbhanga Commissioner Kaushal Kishore ने कहा – जल्द शुरू हो इलाज

समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज में जल्द शुरू होंगे गायनी-सर्जरी विभाग! आयुक्त ने दिए निर्देश।समस्तीपुर के...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें