आंचल कुमारी, देशज टाइम्स। Darbhanga के सिंहवाड़ा-सढवाड़ा हाट में बंदोबस्ती खत्म, फिर भी वसूली! उबले ग्रामीण।
हाट की वैधता पर उठे सवालों के बीच
सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के सढवाड़ा हाट में बंदोबस्ती समाप्त होने के बाद भी अवैध वसूली का खेल चल रहा है। इससे ग्रामीणों में उबाल है। बुधवार को ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया | हाट की वैधता पर उठे सवालों के बीच ग्रामीणों ने कहा- तीन गुना ज्यादा वसूली हो रही है| Illegal Collection at Sadhwara Haat
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Highlights)
31 मार्च को हाट की वैधता समाप्त हो चुकी है।
अब भी तीन गुना अधिक अवैध वसूली हो रही है।
अस्पताल की जमीन पर अवैध रूप से हाट लगाने का मामला कोर्ट में है।
BDO ने प्रक्रिया को वैध बताया और नजारत में राशि जमा कराने का निर्देश दिया है।
बंदोबस्ती समाप्त, फिर भी वसूली! भड़के ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के सढवाड़ा हाट में बंदोबस्ती की अवधि समाप्त होने के बाद भी अवैध वसूली जारी रहने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। बुधवार को ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
सढवाड़ा हाट में बंदोबस्ती अवधि समाप्त होने के बावजूद अवैध वसूली को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को जोरदार विरोध किया।
ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी हाट की बंदोबस्ती की मियाद 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है।
इसके बावजूद निजी व्यक्ति द्वारा जबरन तीन गुना दर से वसूली की जा रही है।
मुखिया पिंकी देवी ने इस पर SDO को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने हाट संचालन को अवैध बताते हुए नारेबाजी की और वसूली रोकने की मांग की।
क्या है मामला?
सढवाड़ा हाट सप्ताह में दो दिन – रविवार और गुरुवार को लगता है।
यह हाट सरकारी सैरात जमीन पर लगता है, जिसकी बंदोबस्ती अवधि 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है।
इसके बावजूद निजी व्यक्तियों द्वारा व्यापारी से निर्धारित दर से तीन गुना अधिक वसूली की जा रही है।
हाईकोर्ट में विचाराधीन मामला, फिर भी BDO ने करवाई बोली!
हाट की जमीन को लेकर पहले पंचायत सरकार भवन के निर्माण पर विवाद हुआ था।
विरोध के बाद हाट को अस्पताल की जमीन पर शिफ्ट कर दिया गया।
इस विवाद पर हाईकोर्ट में मामला लंबित है।
फिर भी 15 अप्रैल को BDO कार्यालय से हाट की नई बोली करवाई गई।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की आपत्ति
मुखिया पिंकी देवी ने SDO को आवेदन देकर अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की है।
उन्होंने पूछा कि बंदोबस्ती खत्म होने के बाद भी किस आधार पर वसूली की जा रही है?
मुखिया प्रतिनिधि अरूण दास, विश्वनाथ सहनी, रामवृक्ष सहनी, हरमून सहनी, रामप्रसाद सहनी, सोगारथ यादव और शत्रुघ्न सहनी ने बताया:
पहले सैरात जमीन पर हाट लगता था, लेकिन वहां पंचायत सरकार भवन बनने का विरोध हुआ।
इसके बाद अस्पताल की जमीन पर हाट लगने लगा, जिसका मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
15 अप्रैल को BDO कार्यालय से फिर से बोली लगवाकर बंदोबस्ती कर दी गई, जो प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।
BDO का जवाब
BDO अमरेंद्र पंडित ने बताया:
निर्धारित तिथि पर पंचायत के प्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों ने बंदोबस्ती में भाग लिया।
डाक की राशि एक लाख से अधिक होने के कारण मामला DDC को भेजा गया।
अब पंचायत सचिव को आदेश दिया गया है कि वह हाट से वसूली गई राशि को नजारत में जमा करें।
प्रशासन का पक्ष: डीडीसी को भेजा मामला, पंचायत सचिव को वसूली का आदेश
BDO अमरेंद्र पंडित ने बताया कि डाक की राशि ₹1 लाख से अधिक हो जाने के कारण मामला डीडीसी के अधीन चला गया।
अब पंचायत सचिव को वसूली कर नजारत में राशि जमा करने का आदेश दिया गया है।