सिंहवाड़ा, देशज टाइम्स। स्थानीय सीएचसी के डाटा ओपरेटर राजीव कुमार पर मुसीबतों की झड़ी लगने वाली है। राजीव कुमार के फर्जी तरीके से जाली जन्म प्रमाण पत्र बनाने के आरोपों की जांच के बीच प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिना खुर्शीद ने कार्यरत डाटा ऑपरेटर राजीव कुमार को तत्काल हटाने के लिए उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पत्र लिखा है।
इधर, नगर निगम के नगर आयुक्त कुमार गौरव की ओर से गठित जांच टीम के समक्ष भी कई खुलासे हुए थे। हालांकि निगम की टीम के समक्ष शिकायत कर्ता उपस्थित नहीं हो सका था। इन सबके बीच एमओआईसी ने डाटा ऑपरेटर को हटाने के लिए उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखा है। यह वही एजेंसी है जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यपालक सहायक की पोस्टिंग करती है। पढ़िए पूरी खबर
उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को लिखे पत्र में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिना खुर्शीद ने कहा है कि इसके कारण सिंहवाड़ा सीएचसी की बदनामी हो रही है। इन्हें तुरंत उसे हटाकर उनकी जगह दक्ष एवं कार्य कुशल डाटा ऑपरेटर को भेजने की बात कही है।
उन्होंने लिखा है कि इनकी ओर से फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाने की मामले की लगातार जांच चल रही है। नगर आयुक्त एवं जिला सांख्यिकी अधिकारी की ओर से तैनात टीम ने दो दिन इस मामले की जांच की है। क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं ने उक्त डाटा ऑपरेटर की कारगुजारी के कारण सिंहवाड़ा सीएचसी से स्पष्टीकरण पूछा है।
जानकारी के अनुसार, डाटा ऑपरेटर राजीव कुमार पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में कई लोगों ने शिकायत की थी। जिला सांख्यकी पदाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम के समक्ष एक परिवादी उपस्थित हुआ था जांच में उसके आरोपों की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद जांच अधिकारियों ने कहा था प्रथम दृष्टया मामला सत्य प्रतीत हो रहा है। सीएचसी के प्रधान लिपिक रामप्रसाद ने डाटा ऑपरेटर के संबंध में बताया था कि आरोपों की जांच में डाटा ऑपरेटर दोषी पाए गए हैं।
पूरे मामले को देखते हुए दो तरह के प्रश्न उठा रहे हैं। क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आरोपी डाटा ऑपरेटर को हटाकर मामले को शांत कर देंगे। या फिर पूरे मामले की गहनता पूर्वक जांच कर आरोपी के विरुद्ध फर्जीवाड़े की प्राथमिकी दर्ज कर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
सूत्र बताते हैं कि सिंहवाड़ा की पंचायतों में ढंग से जांच हो तो सैकड़ो की संख्या में फर्जी तरीके से बनाए गए जाली जन्म प्रमाण पत्र बनाने का भंडाफोड़ होगा। अस्पताल के डेटा ऑपरेटर द्वारा नगर निगम का मुहर लगाकर एवं फर्जी हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र कैसे बना दिया गया। क्या इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता है।
मामले की जानकारी रहने के बावजूद सीएचसी से लेकर जिला तक के स्वास्थ्य अधिकारियों ने समय पर आरोपी के खिलाफ सख्त कदम क्यों नही उठाया। सिंहवाड़ा की जनता इन सवालों के जवाब तलाश रही है।