दरभंगा के पचाढ़ी जवाहर नवोदय विद्यालय (Pacharhi Jawahar Navodaya Vidyalaya) में आठवीं कक्षा के छात्र जतिन गौतम की संदिग्ध मौत की गूंज अब प्रशासनिक स्तर तक पहुँच चुकी है। डीएम कौशल कुमार द्वारा गठित तीन सदस्यीय एसआईटी टीम ने बुधवार को विद्यालय पहुंचकर इस घटना की जांच की।
एसआईटी टीम में शामिल थे उच्च अधिकारी
जांच टीम में शामिल थे:
लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार
सीटी एसपी अशोक कुमार चौधरी
जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) के.एन. सदा
इन अधिकारियों ने जतिन के हॉस्टल – अरावली जूनियर बालक छात्रावास के छात्रों, हाउस मास्टर, और मृतक के पिता संतोष कुमार साहू से पूछताछ की।
छात्रों और परिजनों से ली गई जानकारी
टीम ने 17 छात्रों को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर गहन पूछताछ की और उनके बयानों को रिकॉर्ड किया। मृतक के पिता ने भी घटना से जुड़े संदेहों और घटनाक्रम को विस्तार से रखा, जिसमें कुछ प्रमुख आरोप सामने आए:
हाउस मास्टर बालेश्वर पासवान द्वारा घटना के दिन मारपीट
पूर्व प्राचार्य मो. शाकिर द्वारा बाहरी व्यक्ति को पहले से बुलाकर रखना
हत्या को आत्महत्या में बदलने की साजिश
फोरेंसिक टीम के बिना पहुँचे ही शव को रैयाम पुलिस द्वारा वाहन में ले जाना
पूर्व प्राचार्य और हाउस मास्टर पर गंभीर आरोप
मृतक के परिजन का कहना है कि पूर्व प्राचार्य मो. शाकिर का बिना किसी कार्रवाई के तबादला कर दिया गया, जबकि हाउस मास्टर बालेश्वर पासवान पर अब तक कोई भी विभागीय या कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।
एफआईआर में भेदभाव के आरोप
परिजनों ने रैयाम पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। आरोप है कि पुलिस ने मृतक के चचेरे दादा सहित 21 नामजद और 1500 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया, लेकिन मृतक के दादा बद्री नारायण साहू द्वारा दिया गया आवेदन अब तक नजरअंदाज कर दिया गया।
सीटी एसपी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
सीटी एसपी अशोक कुमार चौधरी ने घटना स्थल, हाउस मास्टर का आवास, और विद्यालय परिसर के प्रमुख हिस्सों का सूक्ष्म मुआयना किया। मौके पर विद्यालय के वर्तमान प्राचार्य विजय कुमार भी उपस्थित थे।
एसआईटी ने कहा – रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी
जांच टीम ने मीडिया को कोई सीधी प्रतिक्रिया देने से परहेज करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट जिला अधिकारी (DM) को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद अगली कार्रवाई तय होगी।
घटना की पृष्ठभूमि
घटना 8 अगस्त 2025 की है, जब पचाढ़ी स्थित नवोदय विद्यालय के अरावली जूनियर छात्रावास में जतिन गौतम का शव पंखे से लटका मिला था। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन परिजन इसे पूर्व नियोजित हत्या मान रहे हैं।
जनता और सामाजिक संगठनों की मांग
घटना के बाद से स्थानीय जनता, अभिभावक संघ, और बाल अधिकार कार्यकर्ता लगातार यह माँग कर रहे हैं कि:
घटना की न्यायिक जांच हो
हाउस मास्टर और पूर्व प्राचार्य को निलंबित किया जाए
फोरेंसिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए
जतिन गौतम को न्याय मिले
निष्कर्ष
जतिन गौतम की संदिग्ध मौत ने नवोदय विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा, प्रबंधन की जवाबदेही, और पुलिस जांच की पारदर्शिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अब सभी की नजरें डीएम द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट और उसके आधार पर लिए गए निर्णयों पर टिकी हैं।