मुख्य बातें: आंधी में चार माह पूर्व गिरे बरगद का पेड़ हो गया खड़ा, लोग कटे वट वृक्ष की पूजा-अर्चना कर दी शुरू, महीनों पूर्व कटे वट वृक्ष अचानक खड़ा होने से लोगों में कौतूहल, श्रद्धालु करने लगे पूजा-पाठ
जाले, देशज टाइम्स। प्रखंड क्षेत्र के रतनपुर के रतनेश्वरी मंदिर परिसर में बीते चार माह पूर्व आंधी के दौरान गिरा विशाल वट वृक्ष रविवार की देर रात स्वयं उठकर खड़ा हो गया। इस घटना के बाद स्थानीय लोगो द्वारा उक्तस्थल पर भजन कीर्तन पूजापाठ प्रारंभ कर दिया है।
यह घटना घार्मिक आस्था के साथ-साथ कौतूहल का केंद्र बन गया है,इसे देखने के लिए उक्त स्थल पर आसपास गांवो से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं बताते चले कि बीते 14 जून को आए तूफान में रतनपुर के आसपास के इलाके में भारी क्षति हुआ था।
इस दौरान बड़ी संख्या में सैकड़ों पेड़ पौधे गिरे थे,इससे अतरवेल जाले पथ के किनारे लगे सैकड़ों पेड़ पौधा सहित बिजली के खंभों पर गिरकर बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी।उक्त गिरे वट वृक्ष की पूजा रतनपुर की महिलाएं वट सावित्री के दिन थी, शारदीय नवरात्रा को लेकर रतनेश्वरी स्थान परिसर का होने वाले साफ-सफाई के दौरान उक्त गिरे हुए वट-वृक्ष के टहनियों को काटा जा रहा था।
रविवार को मजदूरों की ओर से उसके सभी टहनियों को काट दिया गया। दूसरे दिन उसके मोटे तने को हटाना था। सोमवार की अहले सुबह भगवती के दर्शन करने पहुंचे पूर्व उपमुखिया राधामोहन ठाकुर के पुत्र शंभु ठाकुर ने उक्त कटे हुए वट वृक्ष को खड़ा देखा।
वह फौरन रतनेश्वरी स्थान के पुजारी गजेन्द्र ठाकुर से खड़े वट-वृक्ष के संबंध में पूछा। पुजारी भी उक्त कटे पेड़ को खरा देख आश्चर्यचकित थे। इसके बाद यह खबर आग की तरह इलाके में फैल गई, रतनपुर तथा आसपास के गांव के लोग उसे देखने पहुंचने लगे हैं।