मुख्य बातें : जाले अंचल के निमरौली गांव में अनुसूचित जाति के श्मसान भूमि पर अस्पताल भवन बनाए जाने से आक्रोशित ग्रामीण जाले अंचल के समक्ष नाराबाजी कर प्रदर्शन करते
जाले, देशज टाइम्स। जाले प्रखंड क्षेत्र के अहियारी दक्षिणी पंचायत के निमरौली गांव के दक्षिणी सीमा स्थित नहर से सटे भूमि पर बनाने जा रहे सरकारी यूनानी अस्पताल के निर्माण कार्य को रोकने को लेकर अनुसूचित जाति के लोगों ने सोमवार को अंचल कार्यालय जाले पहुंचकर प्रदर्शन किया।
यूनानी अस्पताल निर्माण कार्य का विरोध करते हुए अंचलाधिकारी राकेश कुमार को आवेदन सौंपा। वहीं अपनी बात रखते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग रखी।
दिए आवेदन में लोगों ने कहा है कि श्मशान भूमि पर लगभग दो सौ वर्ष पूर्व से सनातनी हिंदू समाज के लोग श्मशान के रूप में उपयोग करते आ रहे हैं।
अगर इस भूमि पर अस्पताल बन जायेगा, तो दाह संस्कार करने वे कहां जाएंगे। आवेदन में बताया है कि अगर उक्त भूमि पर अस्पताल निर्माण कार्य को नहीं रोका गया, तो हम अनुसूचित जाति के लोग प्रखंड सह अंचल मुख्यालय जाले पर, अनशन व धरना प्रदर्शन करेंगे।
माले नेता ललन पासवान ने बताया कि इस अस्पताल के लिए स्थानीय मोइन अख्तर ने अपनी एक कट्ठा भूमि भी दान में दे रखा है।
इसके बाद भी अनुसूचित।जाति के श्मशान की भूमि के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। वही अंचलाधिकारी जाले राकेश कुमार ने बताया कि उक्त सरकारी भूमि का टुकड़ा 40 डिसमिल का है।
वहीं, खतियान में उस भूमि को शमशान नहीं दर्शाया गया है। खतियान के अनुसार बिहार सरकार की खाली भूमि है।
यूनानी अस्पताल निर्माण के लिए सिर्फ पांच डिसमिल जमीन चाहिए। अगर उस भूमि पर अस्पताल का निर्माण हो जाता है, तो 35 डिसमिल भूमि तो बचा ही रहेगा। साथ ही अस्पताल के बनने पर इसका फायदा तो स्थानीय लोगो को सबसे पहले मिलेगा।