back to top
16 जुलाई, 2024
spot_img

Darbhanga के सिंहवाड़ा CHC में जहां होनी थी कार्रवाई, वहां चल रही अब भी जांच, डेटा ऑपरेटर पर लगे फर्जीवाड़े की चौथी बार फिर हुई जांच…वाह यूटर्न वाला सिस्टम…

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला DeshajTimes | आपका चहेता Deshaj इस 20 जुलाई 2025 को हो जाएगा पूरे 7 साल का| 20 जुलाई, 2018 - 20 जुलाई, 2025 | ...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित@7 साल | आप बनें भागीदार Deshaj के 7 साल...| चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes

बड़ा सवाल.... सिंहवाड़ा CHC में ये जांच पर जांच, जांच पर जांच...जांच पर जांच, आखिर ये चल क्या रहा है....बचाने की साजिश या फंसाने की पूरी तैयारी, बड़ा कंफ्यूजन है....

spot_img
Advertisement
Advertisement

सिंहवाड़ा, देशज टाइम्स। आखिर ये क्या हो रहा है। एकबार फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद भी जहां कार्रवाई की गूंजाइश थी वहां फिर से जांच दोबारा यूटर्न ले लिया है। जहां,  सिंहवाड़ा सीएचसी के डेटा ऑपरेटर पर लगे आरोप की चौथी बार मंगलवार को जांच हुई है।

इस जांच के बाद पूर्व की जांच रिपोर्ट फिलहाल ठंडे बस्ते में ही दिख रहा है जहां अब तक  कार्रवाई नहीं होने से कई सवाल उभरे। वहीं, हालात यह बने थे कि एमओआईसी ने आरोपी को हटाने के लिए दो बार पत्र भी लिखा। मगर, एक्शन की जगह फिर से चौथी दफा जांच ही हो रही है। तय लग रहा है, दोषी को बचाने की पूरी तैयारी है।

जानकारी के अनुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंहवाड़ा के डेटा आपरेटर राजीव कुमार पर लगे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के आरोपों की जांच के आलोक में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा हो रही है।

अस्पताल की हो रही बदनामी को देखते हुए एमओआईसी डॉ. हिना खुर्शीद ने दूसरी बार डेटा ऑपरेटर को बहाल करने वाली एजेंसी उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पटना को पत्र भेजा था।

आरोपी डेटा ऑपरेटर को हटाने के लिए एमओआईसी ने 14 अक्तूबर को भी पत्र भेजा था। इसपर किसी प्रकार की कार्रवाई नही होता देख एमओआईसी ने दूसरी बार 26 अक्तूबर को उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को पत्र प्रेषित किया है।

इसमें एमओआईसी ने कहा है कि उनके कार्यालय में प्रतिनियुक्त डेटा ऑपरेटर राजीव कुमार पर अवैध एवं फर्जी तरीके से जाली प्रमाण पत्र निर्गत करने का आरोप एवं इसकी जांच नगर आयुक्त एवं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के द्वारा गठित दल ने की थी।

इस कारण डेटा ऑपरेटर को हटाने हेतु 14 अक्तूबर को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था। परंतु आज तक उक्त पत्र के आलोक में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब आगे पढ़िए आज फिर जांच जो चौथी दफा है क्या हुआ…कैसे हुई जांच पूरी खबर…

यह भी पढ़ें:  Darbhanga DM Kaushal Kumar खुद कर रहे Monitoring, हर मोहल्ले में प्याऊ-टैंकर-सिंटेक्स, 168 टीमें, हजारों लीटर@हर घर को पानी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिंहवाड़ा के डेटा ऑपरेटर राजीव कुमार पर फर्जी एवं जाली जन्म प्रमाण पत्र मामले की जांच रुक नहीं रही है। सिविल सर्जन के निर्देश पर मंगलवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अमरेंद्र कुमार, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा सत्येंद्र नारायण मिश्रा व जिला स्वास्थ्य समिति के मूल्यांकन पदाधिकारी श्रीकांत शरण आदि ने अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की।

दोपहर करीब दो बजे पहुंचे अधिकारियों ने एमओआईसी डा हिना खुर्शीद के कार्यालय कक्ष में दो घंटे तक जांच पड़ताल की। विदित हो कि जिला सांख्यकी पदाधिकारी व नगर निगम के नगर आयुक्त की ओर से गठित जांच टीम ने क्रमशः 13 व 14 अक्तूबर को मामले की जांच की थी। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्रीय अपर निदेशक के निर्देश पर एमओआईसी ने भी अलग से जांच रिपोर्ट भेजी थी।

जिला सांख्यकी कार्यालय की जांच टीम ने बताया था कि डेटा ऑपरेटर पर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाए गए हैं। हालांकि उक्त मामले में सिविल सर्जन की ओर से किसी प्रकार की जांच नही की गई थी। जिसको लेकर तरह तरह की चर्चा हो रही थी। इसी को देखते हुए मंगलवार को सीएस के निर्देश पर अधिकारीयों की टीम जांच करने सिंहवाड़ा पहुंची।

जांच के दौरान एमओआईसी के चेंबर में डॉक्टर व कर्मियों के बीच रुक रुककर तीखी बहस भी होती रही। जांच के बाद बाहर निकले अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल से जो जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है उनका संचिका से मिलान किया गया है।

अस्पताल की आईडी से बनाए गए जन्म प्रमाण पत्र सही पाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम के जाली मुहर व फर्जी हस्ताक्षर से सीएचसी में किस कर्मी ने जन्म प्रमाण पत्र बनाया उसकी जांच साइबर एक्सपर्ट से करानी होगी।

यह भी पढ़ें:  मैं केवटी MLA Murari Mohan Jha आपसे अनुरोध करते हैं डीएम साहेब...मामला 'संदिग्ध' है...कृपया देखा जाए!

फर्जी प्रमाण पत्र बनने में किसकी आईडी प्रयोग की गई। इस तरह के प्रमाण पत्र किसने बनाया इसकी जांच हमलोगों से नही हो सकी। साइबर एक्सपर्ट से मामले की जांच कराने के लिए वरीय अधिकारियों को लिखेंगे।

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला उजागर होने के बाद अस्पताल की हो रही बदनामी को देखते हुए एमओआईसी डा हिना खुर्शीद ने आरोपी ऑपरेटर को हटाकर किसी दूसरे दक्ष ऑपरेटर को प्रतिनियुक्त करने के लिए डेटा ऑपरेटर को बहाल करने वाली एजेंसी उर्मिला इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड को दो बार पत्र लिखा है।

उसके बावजूद एजेंसी की ओर से अबतक इस मामले में संज्ञान नही लिया गया है। वहीं जिला सांख्यकी कार्यालय व नगर निगम की टीम द्वारा की गई जांच के बाद जांच रिपोर्ट का क्या हुआ इसको लेकर भी इलाके में चर्चा तेज है। जिनके बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी मिल रहे हैं उनके अभिभावकों में आक्रोश भी बढ़ रहा है।

तीन बार जांच होने के 16 दिन बाद सीएस के निर्देश पर पुनः उक्त मामले की जांच कराए जाने एवं जांच अधिकारी द्वारा यह कहा जाना कि यह मामला उनके बस का नही है। किसी साइबर एक्सपर्ट से जांच कराने के लिए लिखेंगे।

यह तर्क मामले को संदिग्ध बनाता जा रहा है। बताया जा रहा है कि आरोपी ऑपरेटर को बचाने की कवायद में जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

आपको बता दें कि, एमओआईसी ने पत्र में कहा है कि डेटा ऑपरेटर को यथाशीघ्र यहां से हटाते हुए दुसरे दक्ष डाटा ऑपरेटर को भेजें। ताकि कार्यालय की बदनामी न हो एवं कार्यों का निष्पादन सुगमतापूर्वक किया जा सके।

यह भी पढ़ें:  अब Darbhanga में कोई भी खुद चला सकेगा EVM! डीएम कौशल कुमार की पहल@EVM DEMO CENTER

डेटा ऑपरेटर पर फर्जी एवं जाली जन्म प्रमाण पत्र बनाने के आरोपों की जांच के लिए जिला सांख्यकी पदाधिकारी द्वारा गठित टीम ने 13 अक्तूबर एवं नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा गठित टीम ने 14 अक्तूबर को सिंहवाड़ा सीएचसी पहुंचकर जांच की थी। जांच टीम ने प्रथम दृष्टया डेटा ऑपरेटर पर लगे आरोपों को सत्य बताया था।

वहीं सीएसची के प्रधान लिपिक रामप्रसाद ने कहा था जांच में डेटा ऑपरेटर दोषी पाए गए हैं। इधर, जांच के बाद मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई पड़ रहा है। जांच में जो जन्म प्रमाण पत्र फर्जी एवं जाली पाए गए उनपर नगर निगम का जाली मुहर एवं हस्ताक्षर किया हुआ था। सैकड़ों की संख्या में फर्जी प्रमाण पत्र मिलने के बावजूद दोषी पर कार्रवाई नही होने से लोगों में आक्रोश भी बढ़ रहा है।

आखिल भारतीय किसान काउंसिल के जिलाध्यक्ष सीपीएम नेता महेश दुबे व सीपीएम के जिला सचिव मंडल सदस्य दिलीप भगत ने कहा है कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सिविल सर्जन की ओर से अबतक जांच नही की गई है।

आरोपी ऑपरेटर उनके विभाग का कर्मी है। एजेंसी से सांठगांठ कर सिविल सर्जन आरोपी ऑपरेटर को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आरोपी के खिलाफ फर्जीवाड़े की प्राथमिकी दर्ज कर उसे पदमुक्त करने की कार्रवाई के बदले सिविल सर्जन मामले की लीपापोती करते नजर आ रहे हैं।

कहा कि डेटा ऑपरेटर पर लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए जिला सांख्यकी पदाधिकारी एवं नगर आयुक्त के अलावा स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय अपर निदेशक ने भी एमओआईसी को जांच के लिए पत्र लिखा लेकिन सिविल सर्जन पूरे मामले में मौन धारण किए हैं। जिसको देखते हुए कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

जरूर पढ़ें

Darbhanga DM Kaushal Kumar खुद कर रहे Monitoring, हर मोहल्ले में प्याऊ-टैंकर-सिंटेक्स, 168 टीमें, हजारों लीटर@हर घर को पानी

दरभंगा में पेयजल संकट पर प्रशासन सख्त! हर मोहल्ले में प्याऊ, टैंकर और सिंटेक्स,...

अब Darbhanga में कोई भी खुद चला सकेगा EVM! डीएम कौशल कुमार की पहल@EVM DEMO CENTER

अब दरभंगा में कोई भी खुद चला सकेगा EVM! डीएम ने किया खास डेमो...

मैं केवटी MLA Murari Mohan Jha आपसे अनुरोध करते हैं डीएम साहेब…मामला ‘संदिग्ध’ है…कृपया देखा जाए!

केवटी विधायक डॉ. मुरारी मोहन झा ने दरभंगा के डीएम कौशल कुमार को केवटी...

Darbhanga के हैं तो हो जाइए सावधान….घूम रहा है फर्जी अफसर गैंग?

दरभंगा में फर्जी अधिकारी बनकर जेवरात लूट रहे हैं ठग! पुलिस अब तक खाली...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें