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25 मार्च, 2024
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सीएम से इस्तीफे की मांग, नहीं चाहिए सेक्स ज्ञान, विधानसभा में BJP का भारी हंगामा, विधायकों ने कुर्सी-टेबल पटका

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बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र का चौथे दिन गुरुवार को दिन कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और भाजपा विधायक वेल में पहुंच गए। भारी हंगामे के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए (Demand for resignation from CM, huge uproar by BJP) स्थगित कर दी है।

आज सदन की कार्यवाही की शुरुआत होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सीएम नीतीश कुमार के बयान के विरोध में नारेबाजी करते हुए भाजपा के विधायक वेल में पहुँच गए। विधानसभा अध्यक्ष लगातार भाजपा विधायकों को अपने सीट पर बैठने को कहते रहे लेकिन हंगामा और बढ़ता ही चला गया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष  पहले 12:00 बजे फिर 2:00 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी है।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। बीजेपी की महिला विधायक भागीरथी देवी, निक्की हेमब्रम और दो महिला विधायक आसान के पास पहुंच गईं।

विधानसभा अध्यक्ष को पर्ची दिखाने लगीं। बीजेपी विधायकों ने कुर्सी-टेबल पटका। स्पीकर ने कहा कि कुर्सी उठाने वाले विधायकों का नाम नोट किया जाए, कार्रवाई की जाएगी। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इधर कार्यवाही के शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल लगातार चौथे दिन प्रदर्शन कर रहे हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मचारियों को प्रमोशन देने की मांग, कृषि रोड मैप में धन के दोहन की मांग बंद करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही बीजेपी विधायक मुख्यमंत्री इस्तीफा दो के नारे लगा रहे हैं।

विपक्ष के नेता राज्यपाल से सीएम की मानसिक स्थिति जांच कराने की मांग करेंगे। मुख्यमंत्री बुधवार को ही अपने बयान को लेकर सदन के बाहर और अंदर माफी मांग चुके हैं। अपने बयान को लेकर नीतीश कुमार बुधवार में विधानसभा में माफी मांग चुके हैं। नीतीश ने कहा, ‘मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। मैं अपनी खुद निंदा करता हूं. मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। मेरा मकसद सिर्फ शिक्षा के बाद जनसंख्या वृद्धि में आ रहे परिवर्तन को बताना था। मैं माफी मांगता हूं। मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं, अगर मेरी कोई बात कहना गलत था, मेरी किसी बात से दुख पहुंचा है तो माफी मांगता हूं। अगर मेरे बयान की कोई निंदा कर रहा है, तो हम माफी मांगते हैं। अगर इसके बाद भी कोई मेरी निंदा करता है तो मैं उसका अभिनंदन करता हूं।

शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन में दिए गए अमर्यादित बयान को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सदन के भीतर और बाहर अपने बयान के लिए माफी मांगने के बावजूद विपक्षी दल मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सदन में सरकार की तरफ से जातीय गणना पर चर्चा के बाद से विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ रही है।

सेक्स एजुकेशन का ज्ञान देना बंद करो, यह सरकार निकम्मी है, लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी के नारे लगा रहे हैं। इधर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्थन में सदन के बाहर भाकपा(माले) के विधायक प्रदर्शन कर रहे हैं।

माले के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका को 18 हजार और सहायिका को 10 हजार और साथी रसोईया को 10 हजार वेतनमान दिया जाए। राज्य सरकार ने वेतनमान देने का वादा दिया था, उसे लागू करें। भाकपा माले विधायक ने यह भी कहा कि हम आरक्षण बढ़ाने का वेलकम करते हैं। लेकिन, एससी-एसटी और ओबीसी को प्राइवेट सेक्टर में भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। प्राइवेटाइजेशन में कानून लागू किया जाए।

विधानसभा में आज कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के विधायक, मुख्यमंत्री से उनके अमर्यादित बयान के लिए इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह से दोनों सदनों की गरिमा को आघात पहुंचाया है, सिर्फ माफी मांग लेना भर काफी नहीं है। मुख्यमंत्री के बयान के कारण पूरे विश्व में भारत की बेइज्जती हुई है।

स्पीकर के बार बार मना करने के बावजूद विपक्षी सदस्य मानने को तैयार नहीं थे। भाजपा के विधायक टेबल पटकने लगे और कुर्सी को हाथ में ले लिया। सदन के भीतर हाथापाई की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालात बिगड़ता देख स्पीकर ने पहले 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित की लेकिन बाद में उसे बढ़ा कर दो बजे तक कर दिया।

इन सबके बीच सरकार आरक्षण संशोधन बिल-2023 पेश करेगी। इस बिल को दो हिस्सों में पेश किया जाएगा। इसमें शिक्षण संस्थानों में आरक्षण और सरकारी नौकरियों में आरक्षण शामिल है। आरक्षण संशोधन बिल को विधानसभा और विधान परिषद में एक साथ पेश किया जाएगा। बिल पेश होने के बाद दोनों सदनों में बहस होगी।

विधानमंडल से बिल के पारित होने के बाद सरकार इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजेगी। वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। पिछले तीन दिनों से लगातार सदन का प्रश्नकाल बाधित हो रहा है। बीजेपी के विधायक चौथे दिन भी प्रश्नकाल बाधित रखने की तैयारी कर रहे हैं। वे सीएम से इस्तीफा की मांग पर अडे़ हैं। आज बीजेपी राजभवन मार्च करेगी।

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