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7 अक्टूबर, 2024

Electoral Bond News | Supreme Court में फिर Electoral Bond की याचिका, Bihar में करोड़ों का चंदा मामा

...नहीं तो जेडीयू की ओर से किए जाएंगे और खुलासे...। आखिरकार, बीच चुनाव मामला फिर गरमा गया है। जहां, आज के बाद Supreme Court फिर एक और Electoral bond petition पर सुनवाई करेगा। यह petition, Common Cause and the Center for Public Interest Litigation के वकील प्रशांत भूषण ने आज दायर की है। वहीं, बिहार में JDU अचानक से, राजद पर हमलावर हो गया है। बिहार की सियासत में Electoral bond की शराब कनेक्शन और बड़े खुलासे के दावे करते जदयू सीधा लालू प्रसाद और तेजस्वी पर तल्ख है। जहां, शराब व्यापारियों से डील पर तेजस्वी की चुप्पी तोड़ने की कोशिश और तेजस्वी पर दबाव यह, बंगाल की शराब कंपनी ने आखिर आरजेडी को करोड़ों का इलेक्ट्रोरेल बांड क्यों दिया। क्या डील हुई? बताएं या हम खुलासा करेंगे....।

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Supreme Court में फिर Electoral Bond की याचिका दायर की गई है। वहीं, Bihar में Electoral bond की फिर से राजनीतिक इंट्री हो गई है जहां करोड़ों का चंदा मामा बनने का दावा किया गया है। वैसे भी, लोकसभा चुनाव जैसे जैसे परवान की ओर है। ये Electoral bond का बैंड बजने से रूक ही नहीं रहा।

Electoral Bond News | पहले प्रियंका गांधी का हमला,ताजा सुप्रीम कोर्ट में याचिका…

पहले प्रियंका गांधी का हमला हुआ। मेरी मां के मंगलसूत्र देश के नाम कुर्बान हो गए। मेरी दादी इंदिरा गांधी ने देश के नाम सोना दान कर दिया। और ये Electoral bond के नाम पर चंदा हड़प गए। अब band बजा रहे हैं। लेकिन, ताजा मामला, सुप्रीम कोर्ट से है जहां….याचिका कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दायर की है।

Electoral Bond News | बिहार में भी करोड़ों का चंदा मामा सामने आया है जहां

वहीं, बिहार में भी करोड़ों का चंदा मामा सामने आया है जहां, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार (JDU Neeraj Kumar) और राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन (JDU Rajeev Ranjan) ने बाजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) पर शराब कंपनियों से करोड़ों का चंदा लेने का इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा दावा ठोंक दिया है। जहां…

Electoral Bond News | प्रशांत भूषण ने दायर की है

इलेक्टोरल बांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मांग की गई है कि इलेक्टोरल बांड के रूप में दिये गए चंदे की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से जांच कराई जाए। याचिका कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इलेक्टोरल बांड के जरिए कॉरपोरेट्स और राजनीतिक दलों के बीच कथित क्विड प्रो क्यो यानी बदले में दी जाने वाली व्यवस्था की जांच की जाए।

Electoral Bond News | चुनावी बांड मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है

याचिका में कहा गया था कि चुनावी बांड मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच के जरिए ही उजागर किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक करार दिया था। 21 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इलेक्टोरल बांड की पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी थी।

Electoral Bond News | जदयू का सीधा राजद पर हमला

इधर,बुधवार को जेडीयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार (JDU Neeraj Kumar) और राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बड़ा दावा करते हुए लालू यादव (Lalu Yadav) पर शराब कंपनियों से करोड़ों का चंदा लेने का तमगा जड़ दिया। नीरज कुमार ने कहा, लालू प्रसाद यादव ह्यूमन चेन एवं शराबबंदी की शपथ में शामिल होते हैं। और, शराब कंपनियों से करोड़ों का चंदा लेते हैं। जुलाई 2023 से जनवरी 2024 तक आरजेडी को कुल 70 करोड़ रुपए का इलेक्ट्रोल बॉन्ड आया।

Electoral Bond News | बंगाल की शराब कंपनी से 46 करोड़ 64 लाख शराब कंपनियों से इलेक्ट्रोल बॉन्ड

आरजेडी ने बंगाल की शराब कंपनी से 46 करोड़ 64 लाख शराब कंपनियों से इलेक्ट्रोल बॉन्ड के रूप में चंदा लिया। 2023-24 में जिस शराब कंपनी का प्रॉफिट 13.78 करोड़ है वह आरजेडी को 46 करोड़ चंदा दे रही है। वहीं, राजीव रंजन ने कहा,12 अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 तक जेडीयू को केवल 14 करोड़ इलेक्टोरल बॉन्ड मिले। तेजस्वी बताएं कि आखिर शराब कंपनियों ने उन्हें यह चंदा क्यों दिया नहीं तो इस मामले में आगे और खुलासे जेडीयू की ओर से किए जाएंगे।

Electoral Bond News | शराब कंपनियों से डील क्या हुई? बताएं या हम खुलासा करेंगे?

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, तेजस्वी शराब कंपनियों के साथ लुकाछिपी का खेल बंद करें और सीधा बताएं शराब कंपनियों से बिहार में शराब खुलवाने के नाम पर कितने की डील हुई थी? शराबबंदी कानून मानव सूचकांक की बेहतरी के लिए था। फिर? तेजस्वी ने महिला और युवाओं के हितों की अनदेखी क्यों की? शराब कंपनियों से डील क्या हुई? बताएं या हम खुलासा करेंगे?

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