गया में भीम आर्मी के सदस्यों पर बुधवार को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। यह पैदल मार्च गांधी मैदान से निकल गया। इस बीच बड़ी संख्या में भीम आर्मी के सदस्य लगातार (Lathicharge on Bhim Army workers marching on foot) अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
झड़प में कई लोग जख्मी
भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में बड़ी संख्या लोग बुधवार को शहर के गांधी मैदान परिसर से पैदल मार्च निकाल रहे थे। इसी दौरान पैदल मार्च निकाल रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस और लोगों की हुई झड़प में कई लोग जख्मी हो गए। पढ़िए पूरी खबर
एसएसपी कार्यालय का गेट था बंद
इस बीच बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। इस दौरान पुलिस और भीम आर्मी के सदस्यों के बीच झड़प भी हुई। भीम आर्मी सेना सैकड़ों की संख्या में एसएसपी कार्यालय पहुंचे, लेकिन गेट अंदर से बंद कर दिया गया है।
इस पर धक्कामुक्की हुई है। फिर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस मामले में पुलिस ने भीम आर्मी के एक दर्जन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पढ़िए पूरी खबर
दौड़ा-दौड़ाकर कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा
भीम आर्मी के सदस्यों पर बुधवार को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जिले में भीम आर्मी के सदस्य लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में बड़ी संख्या लोग बुधवार को शहर के गांधी मैदान परिसर से पैदल मार्च निकाल रहे थे। यह पैदल मार्च गांधी मैदान से निकल गया।
लाठी चार्ज के दौरान पुलिस ने इन्हें खदेड़ कर पकड़ा है। प्रदर्शन के दौरान कई बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गईं। पैदल मार्च गांधी मैदान से निकाल गया जो शहर के चर्च रोड, राय काशीनाथ मोड़, जिला परिषद कार्यालय, कचहरी रोड, डीएम गोलंबर से होते हुए एसएसपी कार्यालय को पहुंचा।
कहते हैं भीम आर्मी के अध्यक्ष नीतीश
इस संबंध में भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष नीतीश रंजन ने बताया जिले में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। बहुजन समाज के लोगों के साथ-साथ आम नागरिक और मीडिया को भी निशाना बनाया जा रहा है।
इनके साथ कोई घटना-दुर्घटना होती है तो संबंधित थाना केस तो दर्ज कर लेती है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष नीतीश रंजन ने यह भी कहा कि जिस थाने में बहुजन समाज के लोग एससी-एसटी में या आम नागरिक केस करते हैं।
एसएसपी कार्यालय में तालाबंदी का अल्टीमेटम
वहां के थानेदार खुद जज बनकर फैसला करते हैं। केस दर्ज करने के बाद किसी तरह का कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। विगत एक माह में जितने केस हुए हैं, अगर 60 दिन के अंदर जिले भर में हुए उन केस पर निर्णय लेने नहीं तो एसएसपी कार्यालय में तालाबंदी किया जाएगा। यह तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।