गया जंक्शन से गुजर रही वंदे भारत ट्रेन पर जोरदार पथराव हुआ है – इंजन का शीशा टूटा, मची अफरातफरी… के बीच वाराणसी से रांची जा रही ट्रेन पर कुछ असामाजिक तत्वों के हमले के बाद गार्ड और पायलट ने तुरंत सूचना दी। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने कहा – दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, होगी कड़ी कार्रवाई…
वंदे भारत ट्रेन पर गया जंक्शन के पास पथराव, इंजन का शीशा टूटा, यात्रियों में अफरा-तफरी
गया, देशज टाइम्स | बिहार में वंदे भारत एक्सप्रेस एक बार फिर असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ गई। बुधवार शाम को गया जंक्शन से गुजर रही 20888 वाराणसी-रांची वंदे भारत ट्रेन पर कुछ अराजक लोगों ने पथराव कर दिया, जिससे इंजन का शीशा चकनाचूर हो गया। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है।
वाराणसी-रांची वंदे भारत पर हमला, रेलवे की सुरक्षा पर उठे सवाल, घटना कहां और कैसे हुई?
घटना गया वेस्ट केबिन और कष्ठा स्टेशन के बीच हुई, रेल किलोमीटर संख्या 475/26 पर हुई है जहां ट्रेन वाराणसी से रांची जा रही थी। हमला उस समय हुआ जब ट्रेन गया जंक्शन को पार कर रही थी।
इंजन का शीशा टूटा, यात्रियों में डर
तेज पत्थरबाजी के कारण इंजन की खिड़की का शीशा पूरी तरह टूट गया। यात्रियों के बीच घबराहट और अफरा-तफरी का माहौल है। हालांकि, कोई शारीरिक चोट नहीं पहुंची लेकिन मानसिक डर बना रहा।
ट्रेन पायलट और गार्ड की सतर्कता
पायलट एसके सिन्हा, सहायक पायलट सुधीर कुमार और गार्ड सुदर्शन कुमार ने तत्काल सूचना दी। ट्रेन को रोकने की बजाय सतर्कता बरती गई। आरपीएफ और रेल अधिकारियों को तत्काल जानकारी दी गई।
रेल प्रशासन ने जताई सख्ती, जांच के आदेश
पूर्व मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त और आरपीएफ के आईजी अमरेश कुमार ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा:
“वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेन पर बार-बार पथराव अस्वीकार्य है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
रेल प्रशासन ने दोषियों की पहचान कर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले
बिहार, झारखंड और बंगाल में पिछले सालों में भी वंदे भारत पर पथराव हो चुका है। हर बार जांच और चेतावनी, लेकिन घटनाएं थमीं नहीं। यह ना सिर्फ यात्रियों की जान के लिए खतरा है, बल्कि ट्रेन की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।
रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
सरकार रेलवे को आधुनिक बना रही, लेकिन जमीनी सुरक्षा कमजोर दिख रही है।रेलवे को चाहिए कि सीसीटीवी, ड्रोन निगरानी, सुरक्षा बाड़ और गश्त बढ़ाएं।ऐसी घटनाएं टेक्नोलॉजी पर किए गए करोड़ों के निवेश को कमजोर करती हैं।