आकिल हुसैन, मधुबनी देशज टाइम्स ब्यूरो। वैश्विक महामारी कोरोना का डर लोगों के दिलो-दिमाग में इस कदर हावी हो गया है कि गांव में अगर किसी की सामान्य मृत्यु भी हो जाए तो लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने से भी परहेज कर रहे हैं। ऐसा ही मामला सोमवार को नगर पंचायत घोघरडीहा के वार्ड आठ में देखने को मिला।
जहां, सुरेश झा की पत्नी की पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण आगे बढ़ने को तैयार नहीं हो रहे थे। बाद में, कुछ निकट परिजनो के सहयोग से दाह संस्कार किया गया। दरअसल, आशा देवी कई सालों से एक गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं, जिसका इलाज दिल्ली गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
इसी दौरान रविवार को सुरेश झा की पत्नी की मौत हो गई। सोमवार को अंतिम संस्कार के लिए झा अपनी पत्नी के पार्थिव शरीर के साथ परिजन सहित एंबुलेंस से गांव पहुंचे थे। मौत किसी अन्य बीमारी से हुई लेकिन लेकिन ग्रामीण कोरोना के खौफ से भयभीत थे। इसकी सूचना प्रखंड प्रशासन को मिलते ही पूरा प्रशासनिक महकमा झा के घर पंहुचकर आवश्यक पूछताछ की।
झा ने इलाज का कागजात भी दिखाया। इसके बाद आश्वस्त होने के पश्चात प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कपलेश्वर साहू ने पार्थिव शरीर के साथ घर आए सभी सातों परिजन को चौदह दिनों के लिए होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी।
इसके अलावे सभी की कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के लिए सदर अस्पताल मधुबनी से टीम भेजने का भी अनुरोध किया गया है। बताया कि मेडिकल टीम के पंहुचते ही सभी की सैंपल जांच के लिए भेज दिया जाएगा।
मौके पर प्रभारी डॉ. कपलेश्वर साहू,डॉ. आलोक कुमार, बीडीओ सम्राट जीत, थानाध्यक्ष अरविंद कुमार, नपं के मुख्य पार्षद पुष्कर कुमार पुष्प, स्वास्थ्य प्रबंधक जयनाथ कुमार, केयर इंडिया के समन्वयक प्रियेश तिवारी, स्वास्थ्य कर्मी शंभु नारायण जन सहित लोग उपस्थित थे।