
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में झोलाछाप डॉक्टर ने हर्निया के ऑपरेशन के नाम पर किडनी-यूरीन नली समेत हाइड्रोसील को ही काट कर हटा दिया। अब जिंदगी से जूझ रहे कैलाश महतो को देखने वाला कोई नहीं है। गोलगप्पा बेचने वाले कैलाश की यह कहानी मुजफ्फरपुर किडनी कांड की याद दिलाती है।
मामला जिले के सकरा थाना क्षेत्र के रेलवे फाटक के निकट का है, जहां एक निजी अस्पताल शिव शक्ति नर्सिंग होम में सकरा वाजिद के रहने वाले कैलाश महतो का जबरन हर्निया का ऑपरेशन किया गया।
जानकारी के अनुसार, मामला जिले के सकरा थाना क्षेत्र के रेलवे फाटक के पास का है। जहां एक निजी अस्पताल शिव शक्ति नर्सिंग होम में सकरा वाजिद निवासी कैलाश महतो का जबरन हर्निया का ऑपरेशन किया गया।
लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके पेट और हाइड्रोसील में सूजन होने लगी। जब हालत बिगड़ने लगी तो दो दिन बाद फिर से उसी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया।
इस बार मरीज का हाइड्रोसील भी काटकर हटा दिया गया। परिजनों को बताया गया कि बीमारी की असली वजह ही हटा दी गई है। पढ़िए पूरी खबर
बताया जाता है कि सकरा वाजिद के रहने वाले कैलाश महतो का जबरन हॉर्नीया का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके पेट और हाइड्रोसील में सूजन होने लगी। जब हालत बिगड़ने लगी तो दो दिन बाद फिर से उसी अस्पताल में ऑपरेशन किया, जिसमें मरीज का हाइड्रोसील काटकर हटा दिया।
परिजनों को बताया कि बीमारी असली वजह ही हटा दिया गया है। इस ऑपरेशन के बाद उसकी हालत और बिगड़ने लगी। जिसके बाद परिजन दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहते थे, लेकिन अस्पताल वाले उसे जाने नहीं दे रहे थे।
ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके पेट और हाइड्रोसील में सूजन आ गया। जब हालत बिगड़ने लगी तो दो दिन बाद फिर से उसी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया, जिसमें मरीज का हाइड्रोसील भी काटकर हटा दिया गया।
इसके बाद मरीज की हालत और बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजन दूसरा अस्पताल ले जाना चाहे लेकिन अस्पताल वाले उसे जाने नहीं दें रहें थे। फिर स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से उसे मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक पर स्थित चाणक्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसका पेट खोल दिया गया।
इधर, सकरा वाले निजी अस्पताल के लोग फरार हो गए और पीड़ितों को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है। मामले को लेकर मरीज के परिजनों ने बताया कि हमें डराया जा रहा था। मरीज की हालत अब भी ठीक नहीं है।
मरीज कैलाश महतो जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। कैलाश महतो ठेला पर गोलगप्पा बेचता था। उनकी दो बेटियां है, जिनकी शादी करनी है। ऐसे में गलत ऑपरेशन की वजह से पूरा परिवार बर्बाद होने की कगार पर है।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ उमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि मामले की जांच करेंगे। ऐसे फर्जी डॉक्टर और फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।