बिस्फी, देशज टाइम्स मधुबनी ब्यूरो। स्थानीय प्रखण्ड क्षेत्र के 28 पंचायतों वाली प्रखंड में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित हैं। जहां प्रतिदिन भारी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं,लेकिन जेनेरिक दवा की एक भी दुकान नहीं होने से लोग अधिक मूल्य के दवा लेने पर विवश हैं सरकार ने प्रत्येक पीएचसी में एक जेनेरिक दवा की दुकान खोलने की घोषणा की थीं। ताकि मरीजों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध हो सके लेकिन इस लाभ से प्रखंड क्षेत्र के लोग अभी तक वंचित हैं।
वहीं प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा एवं थोक विक्रेता हैं। जेनेरिक दवा में अच्छी मुनाफा रहने के बावजूद बिक्री नहीं होने से दवा दुकानदार जेनेरिक दवा रखने से परहेज करते हैं कई दुकानदारों का कहना है कि जब स्थानीय डॉक्टर जेनेरिक दवा नहीं लिखेंगे तो हम लोग बिक्री के लिए कहां से रखेंगे मरीजों को जेनरिक दवा नही रहने की वजह से महंगी दवा मिल रही हैं।
वहीं कई दुकानदारों की ओर से गलत प्रचार भी की जा रही हैं कि जेनेरिक दवा गुणवत्ता पूर्ण नहीं होती है जबकि जेनेरिक दवा गुणवत्ता पूर्ण होने के साथ-साथ सस्ती भी होती है ड्रग एसोसिएशन के लोगों ने बताया कि सभी दवा विक्रेताओं के पास रहती है पर इसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पाता हैं।
स्वास्थ्य प्रबंधक रजाऊर रहमान ने बताया की इसको लेकर पहल तो की गई लेकिन सुविधाएं मुहैया नहीं कराया गया। अब तक सरकार के द्वारा इसका काउंटर नहीं खोला गया है। डॉ रमाशंकर मेहता एवं डॉ रंजीत कुमार राणा ने बताया कि क्षेत्र के सभी डाक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने के लिए दिशा निर्देश दिया जाना चाहिए। तभी इसकी बिक्री बढ़ेगी। तथा मरीजों को कम कीमत पर दवा मिल जाया करेगी। तभी जाकर सरकार की योजनाएं सफल हो पाएगी।