हरि शम्भू, मधुबनी(हरलाखी) | जिले के हरलाखी प्रखंड मुख्यालय उमगांव में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर खुलेआम रिश्वतखोरी की जा रही है। कार्यपालक सहायक अशोक कुमार द्वारा फरियादियों से निर्भीक होकर रिश्वत मांगी जा रही है। मामले की पुष्टि देशज टाइम्स की टीम द्वारा की गई और यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में भी कैद हुआ।
रिश्वतखोरी का खुलासा
- जन्म प्रमाण पत्र के लिए 300 रुपये तक रिश्वत मांगी जाती है।
- मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 700-800 रुपये तक की मांग की जाती है।
- यदि कोई रिश्वत देने से इनकार करता है, तो कागजात जबरदस्ती छीन लिए जाते हैं।
ग्रामीणों की शिकायत पर हुआ खुलासा
ग्रामीणों के अनुसार, प्रखंड कार्यालय के नजदीक चल रहे इस अवैध कार्य की प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है। यह खेल विभागीय मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
फरियादियों की गवाही
- ललन प्रसाद भगत (हरलाखी): “हमसे 300 रुपये मांगे गए, लेकिन अंततः 100 रुपये रिश्वत देनी पड़ी।”
- अशोक कुमार साफी (गोपालपुर): “तीन सौ रुपये की डिमांड हुई, बाद में सौदा तय करके एक सौ रुपये दिए।”
कई अन्य फरियादियों ने भी पुष्टि की कि उनसे 100-300 रुपये तक अवैध रूप से वसूले गए।
कैसे की जाती है वसूली?
कार्यपालक सहायक फरियादियों से कागजों पर हस्ताक्षर करवाने के बाद रिश्वत की मांग करते हैं।
फरियादी और कार्यपालक सहायक के बीच बातचीत:
- कार्यपालक सहायक: “तीन सौ रुपया देबई के परत।”
- फरियादी: “गरीब आदमी छी।”
- कार्यपालक सहायक: “हम कौन अमीर छी, देना ही पड़ेगा।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
- बीडीओ रवि शंकर पटेल: “मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इस पर जांच की जाएगी।”
- एसडीएम बेनीपट्टी, मनीषा: “मुझे वीडियो भेजिए, बीडीओ को भी मामले की जानकारी दें।”
निष्कर्ष
हरलाखी प्रखंड में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के नाम पर रिश्वतखोरी का यह खेल प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। फरियादियों ने एसडीएम और बीडीओ से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।