
मधुबनी के मधेपुर में तटबंध के अंदर बसे गांवों के घरों में कोसी का पानी घुसने से स्थिति विकराल होती जा रही है। सोमवार की सुबह भी कोसी बराज से 2.29 लाख पानी छोड़ा गया।
वहीं गेहुमां का पानी सुन्दरबिराजित, बाथ सहित अन्य पंचायत में फैल रहा है। बाबूबरही के भटचौरा मोहरी टोल गांव धौरी नदी के पानी से घिर गया है।
धौस नदी की बाढ़ से बिस्फी के 90 प्रतिशत भूभाग में जलजमाव हो गया है। तीसरी बार आयी बाढ़ ने यहां के किसानों और पशुपालकों की कमर तोड़ दी है।
नाव के सहारे कट रही जिंदगी
क्षेत्र के बलहा, कटैया, छोरैहिया, कमलाबाड़ी, रथोस, बिस्फी, भैरबा, दमला, सिंगिया, रघौली आदि गांव बाढ़ से घिरे हैं। बलहा गांव पांच हजार की आबादी पांच महीने से घरों में कैद है। नाव के सहारे लोगों की जिंदगी कट रही है।
लदनियां स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के तेनुआही गांव में करीब 5 सौ एकड़ भूमि जलमग्न है। वहीं सोनी नदी में आयी बाढ़ से अब गांव के स्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
किसानों में त्राहिमाम्
बाढ़ से किसानों में त्राहिमाम मचे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि तेनुआही के ग्रामीणों ने वर्षों पूर्व तेनुआही चैक के आसपास सोनी नदी के मुख्य धारा अतिक्रमण कर निजी उपयोग में ले आया। जिससे नदी के पानी का बहाव बन्द ही गया। नदी के पानी बहाव बन्द होने से करीब 5 सौ एकड़ भूमि बेमौसम के बारिश से जलग्न हो गया।
जलजमाव से किसान खेत मे फसल नहीं लगा सका। सोनी नदी में आये बाढ़ से गांव के स्तित्व में खतरा मंडराते देख ग्रामीणों ने सीओ लदनियां को सोनी नदी के अतिक्रमित मुख्य धारा को मुक्त कराने की लिखित शिकायत की।
सीओ ने लिया मामले को गंभीरता से
सीओ निशीथ नन्दन ने लोगों के शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए आनन फानन में नदी के मुख्य धारा को अतिक्रमण मुक्त कराया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीओ द्वारा नदी की धारा अतिक्रमण मुक्त होने से तो राहत मिली। बावजूद करीब 5 सौ एकड़ भूमि में फसल नहीं लग सका। अब नदी में बाढ़ आने पर गांव के स्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।