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29 सितम्बर, 2024

रात में अगर सांप काट लें और आपके परिजन आपको अस्पताल ले जाए…हो जाइए सावधान

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रात में अगर सांप काट लें और आपके परिजन आपको अस्पताल ले जाए…4 घंटे बाद जांच पड़ताल और बीमारी पकड़े बिना इलाज के नाम पर महज केवल एंटीबायोटिक्स की दवा दे दी जाए और फिर दरभंगा रेफर कर दिया जाए…

 

बेनीपट्टी अनुमंडलीय अस्पताल की स्थिति काफी खराब है। यहां लापरवाही मानो चरम पर है। यहां इलाज नही बल्कि औपचारिकता की जाती है। बिना जांच पड़ताल और बीमारी पकड़े बिना इलाज के नाम पर महज केवल एंटीबायोटिक्स की दवा बिना सोचे समझे चला दिया जाता है। यहां तक की सर्पदंश के शिकार मरीजों को भी गंभीरता से नही लिया जाता है।

Madhubani News: लापरवाही के कारण, सर्पदंश के शिकार दो मरीजों की मौत

जिसके कारण इस महीनें लापरवाही के कारण सर्पदंश के शिकार दो मरीजों की मौत हो चुकी है, जो कहीं न कहीं अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है। इधर, एक बार फिर लापरवाही के कारण सर्पदंश के मरीज की मौत हो जाने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बेनीपट्टी नगर पंचायत के वार्ड 13 भटहीशेर गांव में ओमप्रकाश झा की 40 वर्षीय पत्नी नीलम देवी को रविवार की रात्रि में करीब डेढ़ बजे विषैले सांप ने काट लिया।

4 घंटे बाद भी… नही लगाया गया एंटी स्नेक वाइल

जिसके बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। आनन – फानन में गाड़ी की व्यवस्था कर स्वजन दो बजे रात्रि में मरीज को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे। जहां उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। स्वजनों के अनुसार भर्ती के बाद भी करीब चार घंटे तक सर्पदंश के शिकार मरीज को एंटी स्नेक वाइल नही लगाया गया। जैसे जैसे जहर अपना प्रकोप दिखा रहा था, मरीज की स्थिति बिगड़ती जा रही थी।

डीएमसीएच दरभंगा कर दिया रेफर

मरीज की बिगड़ती स्थिति को देख सोमवार की सुबह करीब 5ः20 बजे मरीज को दस एंटी स्नेक वाइल लगाया गया। फिर भी स्थिति नही सुधरती हुई नजर आयी तो मधुबनी रेफर कर दिया गया। स्वजन जब सर्पदंश के शिकार मरीज को लेकर मधुबनी सदर अस्पताल पहुंचे तो वहां के चिकित्सकों ने डीएमसीएच दरभंगा रेफर कर दिया।


स्वजनों का कहना है – ” हमलोग मरीज को लेकर जब पहुंचे तो मौजूद कर्मियों द्वारा एंटी स्नेक वाइल नही रहने की बात कही गई। “


जहां महिला को भर्ती कराया गया। बुधवार की सुबह करीब 4 बजे में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।


” अगर समय से एवीएस वाइल लगा दिया जाता तो शायद मरीज की जान बच सकती थी। “


अगर ऐसा था तो इतनी देर प्रतीक्षा क्यों किया गया, जाते ही रेफर क्यों नही किया गया। स्वजनों ने यह भी कहा कि अगर समय से एवीएस वाइल लगा दिया जाता तो शायद मरीज की जान बच सकती थी। लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल में घोर लापरवाही की गई, जिसकी वजह से जहर काफी फैल गया और मरीज की मौत हो गई।

उपाधीक्षक सुशील कुमार ने बताया –

वहीं इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि बिना लक्षण देखे हम किसी को एवीएस वाइल की डोज नही दें सकते। दिखने के बाद ही वाइल की डोज दी जाती है, भले ही लक्षण दिखने में चार या पांच घंटें क्यों न लग जाएं। बिना लक्षण देखे वाइल की डोज दे दिया जाएगा और मरीज को कुछ हो जाएगा, तो उसका जबावदेह कौन होगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में अब भी 80 से 90 वाइल एवीएस है।

 

उधर,सर्पदंश की शिकार नीलम देवी की मौत हो जाने की खबर भटहीशेर पहुंचते ही मातम पसर गया है। स्वजनों का रो – रोकर बुरा हाल है। मृतका के पति ओमप्रकाश झा बैंगलौर में रहते हैं।

 

सूचना पर वो भी गांव के लिए निकल चुके हैं। वहीं मृतका को 9 वर्ष का एक पुत्र और 11 वर्ष की एक पुत्री है। जिसके सर से मां का साया उठ ग

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