

राजस्व विभाग के आठ अफसरों पर निगरानी का शिकंजा कस गया है। जमीन की हेराफेरी कर बनाई अकूत संपत्ति में अब सीधा हाई कोर्ट (HC) ने बड़ा आदेश दे दिया है।
इसके बाद अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई कि इन आठ पदाधिकारियों के कार्यकाल में जमीन की जमाबंदी समेत अन्य स्तर पर व्यापक धांधली बरती गई है। वर्तमान में इनमें कुछ पदाधिकारी डीसीएलआर के पद पर कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार,विभाग के आठ पदाधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में निगरानी ब्यूरो ने शिकंजा कस दिया है। इनके खिलाफ जांच शुरू हो गई है। मामला दर्ज करने के बाद ब्यूरो ने अवैध संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है। इसमें पांच पदाधिकारी सीओ (अंचलाधिकारी) और तीन पदाधिकारी सीआई (अंचल निरीक्षक) रैंक के हैं।
इन अधिकारियों पर जमीन के दस्तावेजों में हेराफेरी करने और अकूत संपत्ति बनाने की जांच हो रही है। पैसे के लिए ये लोग किसी और की जमीन को किसी और के नाम कर देते थे। निगरानी विभाग ने मामला दर्ज कर अवैध संपत्तियों को खंगालना शुरू कर दिया है।
जांच में इन 8 पदाधिकारियों के कार्यकाल में जमीन की जमाबंदी समेत अन्य स्तर पर व्यापक धांधली बरती गई है। इसके साथ ही कुछ कर्मी भी दोषी पाए गए है। इनमें दो को विभाग ने कुछ दिनों पहले निलंबित भी कर दिया है। जबकि एक सेवानिवृत्त भी हो गए हैं। वहीं आठ पदाधिकारी में कुछ डीसीएलआर के पद पर, तो कुछ अन्य स्थानों पर पदस्थापित हैं।
पदाधिकारियों के खिलाफ जांच पूरी होने पर अलग से एफआईआर दर्ज कर इनके ठिकानों पर छापेमारी की जाएगी। बताया जा रहा है कि हाजीपुर सदर अंचल कार्यालय में जमीन जमाबंदी गलत व्यक्ति के नाम पर करने, दूसरे की जमीन का रसीद किसी दूसरे के नाम पर काटने, जमीन के मूल रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने की शिकायतें बड़े स्तर पर सामने आई थी।
इसके बाद मामला हाईकोर्ट में गया। तथ्यों और साक्ष्यों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच निगरानी विभाग से कराने का आदेश पारित किया।




 
