पांच दिनों तक हाजत में बंद रखने और पिटाई किए जाने के मामले में नवादा पुलिस बुरी तरह फंस गई है। इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए अनुसंधानकर्ता से जवाब-तलब किया गया है।
लेकिन अनुसंधानकर्ता को जवाब देते नहीं बन रहा है। तीन दिनों के अंदर शो कॉज अदालत को देना था लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया गया है। इसे लेकर कोर्ट सख्त है।
जानकारी के अनुसार, जिले के वारिसलीगंज पुलिस ने चोरी से संबंधित थाना कांड संख्या- 140/22 के अनुसंधान के क्रम में गया जिला अंतर्गत वजीरगंज थाना क्षेत्र के ममराचक गांव निवासी सूरज गुलगुलिया, जहानाबाद जिला अंतर्गत हुलासगंज थाना क्षेत्र के हुलासगंज निवासी सुरजदेव गुलगुलिया, काको थाना क्षेत्र के बीबीपुर निवासी लंगड़ा गुलगुलिया, बादल गुलगुलिया को 6 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में नालंदा जिला अंतर्गत एकंगरसराय निवासी अखलेश मालाकार व उसके पुत्र पंकज कुमार को 7 अप्रैल को एकंगरसराय से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद सभी अभियुक्तों को हाजत में बंद रखा गया था। 10 अप्रैल को रात के अंधेरे में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष सभी अभियुक्तों को प्रस्तुत किया गया था।
उन लोगों ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अरविन्द कुमार गुप्ता के समक्ष अपनी आपबीती बताया था। एक आरोपित सूरजदेव गुलगुलिया के शरीर पर दिख रहे जख्म को देखते हुए दंडाधिकारी ने अनुसंधानकर्ता से स्पष्टीकरण की मांग की थी। अदालत ने अनुसंधानकर्ता को स्पष्ट करने को कहा कि किस परिस्थिति में विलंब से प्रस्तुत किया गया तथा पुलिस अभिरक्षा में पकड़े गये अभियुक्त के साथ मारपीट की गई।
गौरतलब हो कि वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के दौलत पुर निवासी सौरव कुमार के घर में 3 अप्रैल की रात्री चोरी की घटना हुई थी. जिसमें कई मोबाईल, अटैची, 31 हजार नगद व आभूषणों की चोरी हुई थी. घटना के बाबत वारिसलीगंज थाना में अज्ञात के विरूद्ध प्राथमिकी 04 अप्रैल को दर्ज कराई गई थी. फिलहाल कोर्ट को पुलिस के जवाब का इंतजार है .