Bihar Politics…क्यों भाई चाचा….हां भतीजा…ये डर्टी…डर्टी… ये गुपचुप गुपचुप…लाम्बा-लाम्बा…खामोश! चुनाव अभी बाकी है जहां, अभी से बीजेपी की चुटकी ने चिराग और पारस के दोराहे और चौड़ी करती खाई के बीच दो पाटन में फंसते इन्हें भी देख रहे हैं राजनीतिक विश्लेषक जहां…इनकीं ये खामोशी…ये लाम्बा—लाम्बा घूंघट बहुत कुछ कहता है कि ये अंदरखाने साइलेंट…खामोश नजारें…पार्श्व से आती ये अलाप, चलो एकबार अजनबी बन जाएं हम दोनों की तर्ज पर खड़ी है।
गरमाया-गरमाया सा Bihar Politics…पूछ रहा, पार्श्व से आती ये अलाप
गरमाया-गरमाया सा Bihar Politics…पूछ रहा ये पारस और चिराग में फंसा पेंच क्या गुल खिलाएगा। तो पार्श्व से आती ये अलाप मांझी, कुशवाहा की मधुर संगीत के मायने बहुत कुछ कहने को बेताब हैं….जहां लाम्बा लाम्बा घूंघट काहे को डाला रात किया रे तूने कैसा घोटाला…हां घोटाला तो हुआ है…छिटका-छिटकी हुई है।
वीणा के तार और कैसर कनेक्शन कहीं अलविदा की तैयारी तो नहीं…
चिराग पासवान से मुलाकात के बाद पारस के दोनों सांसदों के सुर बदल गए। वीणा देवी ने कहा कि वो चिराग पासवान के आदेश पर काम करेंगी। वहीं महबूब अली कैसर ने भी चिराग के साथ होने की बात कही। मतलब,राष्ट्रीय लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की 15 मार्च यानि आज शुक्रवार को दिल्ली के आवास 18 राजेंद्र प्रसाद रोड पर पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की आपात बैठक से पहले ही बड़ा खेला हो गया है।
ये अंदरखाने साइलेंट…खामोश नजारें
अहम बैठकें तो होंगी ही लेकिन राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल की मानें तो इसमें पशुपति कुमार पारस सहित पार्टी के अन्य तीनों सांसद और पार्टी के विधान पार्षद भी शामिल होंगे। लेकिन,जैसे ही तय हुआ कि बीजेपी की ओर से चिराग को भाव दिया जा रहा है। उन्हें एनडीए गठबंधन में पर्याप्त सीटें देने की तैयारी हो रही है। लोजपा के पारस खेमे में हड़कंप है।
ये दिल्ली की बैठक, ये तख्त ओ ताज…फैसला आज
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के दो सांसदों महबूब अली कैसर और वीणा देवी ने दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात की। दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पार्टी की केंद्रीय संसदीय बोर्ड की आपात बैठक बुला ली। ये बैठक आज दिल्ली में होगी।
ये खामोशी…ये लाम्बा—लाम्बा घूंघट बहुत कुछ कहता है।
वैसे, पशुपति पारस अभी भी पूरी तैयारी में हैं कि उनकी बिहार में हिस्सेदारी कम ना हो। यही वजह है कि पार्टी प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने चिराग की उस घोषणा को सिरे से नकार दिया, जिसमें वे बतौर हिस्सेदारी पांच लोकसभा सीट मिलने की बात कही है। यही वजह है कि अंदरखाने अभी भी पशुपति पारस हाजीपुर से ही चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। मगर, सवाल यह है कि उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी का क्या होगा? कुशवाहा की पूरी तरह से खामोशी…ये लाम्बा—लाम्बा घूंघट बहुत कुछ कहता है।