बिहार विधानसभा में सोमवार को चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक सदन में भड़क गए। सीएम को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने स्पीकर की बात भी नहीं मानी और लगातार तब तक बोलते रहे जब तक उनकी बात पूरी नहीं हो गई।
जय बाबा केदार..!
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सोमवार को सदन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का आक्रामक रूप दिखा। वे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) पर ही भड़क गए।
नीतीश कुमार ने तेज आवाज में कहा कि संविधान के अनुरूप काम होगा। न हम किसी को फंसाते हैं और न बचाते हैं। आप इस तरह से हाऊस चलाएंगे? आप गलत कर रहे हैं। हम ऐसा नहीं चलने देंगे। इस तरह की चर्चा हाउस में नहीं की जाती है। सदन में स्पीकर विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश को टोकना चाहा लेकिन सीएम बोलते ही रहे।
सीएम को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने स्पीकर की बात भी नहीं मानी और लगातार तब तक बोतले रहे जब तक उनकी बात पूरी नहीं हो गई। सीएम नीतीश को काफी दिनों बाद सदन के अंदर इतने गुस्से में देखा गया। स्पीकर विजय सिन्हा बार-बार मुख्यमंत्री से आसन की बात सुनने का आग्रह करते रहे लेकिन सीएम गुस्से में लगातार बोलते रहे। मामला लखीसराय में 9 लोगों हत्या से जुड़ा है।
सदन में बार-बार इस मामले को उठाए जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पर भड़क गए। आपत्ति जताते हुए नीतीश ने कहा कि आप संविधान का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इस तरह से सदन नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही मामले को रोज-रोज उठाने का कोई मतलब नहीं। नीतीश ने कहा कि विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उसपर विचार करेंगे। सीएम ने कहा कि हम देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है कौन गलत।
सीएम नीतीश को काफी दिनों बाद सदन के अंदर इतने गुस्से में देखा गया। स्पीकर विजय सिन्हा बार-बार मुख्यमंत्री से आसन की बात सुनने का आग्रह करते रहे लेकिन सीएम गुस्से में लगातार बोलते रहे। मामला लखीसराय में नौ लोगों की हत्या से जुड़ा है।
दरअसल भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने
सदन में सवाल उठाया कि लखीसराय में बीते लगभग 2 महीनों में 9 लोगों की हत्या कर दी गई, उस मामले में क्या कार्रवाई हो रही है। सरकार की तरफ से प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव संजय सरावगी के सवालों का जवाब दे रहे थे। भाजपा विधायक सरावगी मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार को घेरने के अंदाज में कहा कि पुलिस दोषियों को नहीं पकड़ रही है। विधायक सरावगी सरकार पर ही सवाल उठाते हुए मंत्री के जवाब के बीच में बोलने लगे।
यह मामला विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के क्षेत्र का है। इसलिए स्पीकर विजय सिन्हा भी विभागीय मंत्री की ओर से संजय सरावगी के सवाल पर स्पष्ट जवाब चाह रहे थे। विधायक और मंत्री के बीच हो रहे सवाल-जवाब से स्थिति थोड़ी असहज हो रही थी। इसलिए इस प्रश्न को 16 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोलने लगे।
दरअसल भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने सदन में सवाल उठाया कि लखीसराय में बीते लगभग 2 महीनों में 9 लोगों की हत्या कर दी गई, उस मामले में क्या कार्रवाई हो रही है। सरकार की तरफ से प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव संजय सरावगी के सवालों का जवाब दे रहे थे। भाजपा विधायक सरावगी मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार को घेरने के अंदाज में कहा कि पुलिस दोषियों को नहीं पकड़ रही है। विधायक सरावगी सरकार पर ही सवाल उठाते हुए मंत्री के जवाब के बीच में बोलने लगे।
यह मामला विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के क्षेत्र का है। इसलिए स्पीकर विजय सिन्हा भी विभागीय मंत्री की ओर से संजय सरावगी के सवाल पर स्पष्ट जवाब चाह रहे थे। विधायक और मंत्री के बीच हो रहे सवाल-जवाब से स्थिति थोड़ी असहज हो रही थी। इसलिए इस प्रश्न को 16 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोलने लगे।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि संविधान से सिस्टम चलता है। क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाती है, सदन में नहीं। नीतीश ने कहा कि हम पुलिस के काम में दखल नहीं देते। स्पीकर ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मामला है और दोषियों पर कार्रवाई न करके निर्दोष को फंसाया गया है। मामले को लेकर सदन में काफी देर तक हंगामा हुआ।
जांच करना पुलिस का काम, संविधान देख लीजिए: नीतीश कुमार
नीतीश कुमार ने कहा कि किसी मामले की जांच हो रही है तो उसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। नीतीश ने कहा जब जवाब दे दिया गया कि जांच हो रही तो और कहा गया है कि पूरी जांच होगी तो आपको रिपोर्ट से मतलब है या फिर रिपोर्ट कोर्ट जाएगी? इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आसन की भी बात सुनी जाए तो नीतीश ने उन्हें रोकते हुए कहा कि संविधान देख लीजिए।
स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने इस पर फिर कहा कि आपके मंत्री कुर्क-जब्ती पर जवाब नहीं दे पाए तो नीतीश कुमार ने कहा कि कहीं भी क्राइम होगा तो रिपोर्ट कोर्ट में जाएगी, आपका रिपोर्ट देखने का काम नहीं है। ऐसे नहीं चलेगा। कोर्ट सजा देगी। आपका ये काम नहीं है। आप पूछ रहे हैं, जवाब दिया जा रहा है।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मामला है और दोषियों पर कार्रवाई न करके निर्दोष को फंसाया गया है। उन्होंने कहा, ‘आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो। सरकार गंभीरता से कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है।’
दरअसल, बिहार विधानसभा में लखीसराय के एक मामले को बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उठाया था। संजय सरावगी ने कहा कि निर्दोष को पकड़ा जाता है, लखीसराय जिले में अब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई। इसी के बाद बात बढ़ गई।
सीएम नीतीश के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा- “पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है। जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं। जिस मामले की बात हो रही है। उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है। मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं। आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो। सरकार गंभीरता से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
सीएम ने विधायक संजय सरावगी की ओर से उठाए गए सवाल को ही कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि इस मामले में जांच चल रही है। जो मामला न्यायालय में हो उसे सदन में नहीं उठाया जाना चाहिए। यह काम संविधान के खिलाफ है। काफी तल्ख लहजे में जोर-जोर से बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार न किसी को फंसाती है, न किसी को बचाती है। यह सब जानते हुए भी सदन में ऐसे सवाल उठाकर समय बर्बाद किया जा रहा है।
नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया कि आप किस तरह से हाउस चला रहे हैं। आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ जो आज किया जा रहा है। अपराध के इन्क्वायरी की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जाती है। उससे आपको क्या मतलब है? इस दौरान नीतीश कुमार ने आसन की ओर कई बार अंगुली उठाते हुए गुस्से में बात की। गुस्से में फायर नीतीश कुमार को रोकने के लिए अध्यक्ष विजय सिन्हा ने हस्तक्षेप किया। अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री आसन की बात भी सुनें।