पटना | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनके परिवार के सदस्यों के 23.72 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है।
कुर्क की गई संपत्तियाँ –
ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- नागपुर में तीन भूमि
- दिल्ली में एक फ्लैट
- जयपुर में तीन फ्लैट
यह संपत्तियाँ अपराध की आय का उपयोग करके हंस के करीबी सहयोगियों के नाम पर खरीदी गई थीं।
तलाशी और गिरफ्तारी –
ईडी ने 3 दिसम्बर को दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी।
इस दौरान, पूर्व विधायक गुलाब यादव और उनके सहयोगियों की संलिप्तता का पता चला।
- गुलाब यादव और अन्य सहयोगी कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में हंस की मदद कर रहे थे।
- 18 अक्टूबर को दोनों को गिरफ्तार किया गया।
- हंस को पटना से और गुलाब यादव को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।
ईडी की जांच और संपत्ति का विवरण –
ईडी की जांच में यह सामने आया कि हंस ने 2018 से 2023 के बीच बिहार सरकार में विभिन्न पदों पर रहते हुए और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान भ्रष्ट आचरण से पैसे कमाए थे।
तलाशी में ईडी को हंस के करीबी सहयोगी के परिवार के सदस्यों के नए डीमैट खातों में 60 करोड़ रुपये के शेयर मिले।
इसके अलावा, 70 बैंक खातों में जमा 6 करोड़ रुपये को भी फ्रीज किया गया।
जब्त संपत्ति –
ईडी ने कुल जब्ती में निम्नलिखित संपत्तियाँ भी शामिल की हैं:
- पटना और दिल्ली में 80 लाख और 65 लाख रुपये के सोने के गहने और लक्जरी घड़ियाँ
- 1.07 करोड़ रुपये की अस्पष्ट नकदी
- 13 किलो चांदी की बुलियन की कीमत 11 लाख रुपये
- 1.5 किलोग्राम सोने की बुलियन, जिसकी कीमत 1.25 करोड़ रुपये
- 20 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा
निष्कर्ष
यह मामला भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसमें आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ईडी द्वारा की गई जांच और संपत्ति की कुर्की से यह स्पष्ट हो रहा है कि इन अधिकारियों ने सरकारी पदों का दुरुपयोग किया था।