झारखंड के बाद बिहार के भी कुछ स्कूलों पर मनमाने नियम लागू किए जा रहे हैं। खबर मिली है कि किशनगंज जिले में वहां के स्थानीय लोगों ने सरकारी नियमों को तोड़ते हुए स्कूलों पर मनमाने नियम थोप दिए हैं। इस जिले में 19 स्कूल ऐसे हैं जहां की मुस्लिम आबादी ज्यादा होने की वजह से साप्ताहिक छुट्टी रविवार से बदलकर शुक्रवार कर दी गई है और जुमा अकाश बना दिया गया है। वहीं रविवार को इन स्कूलों में पढ़ाई कराई जाती है।
जय बाबा केदार..!
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बिहार के कई जिलों में इन दिनों सरकारी स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी रविवार के स्थान पर शुक्रवार को होने लगा है। इसमें कुछ दरभंगा के भी स्कूलें हैं जहां चोरी-छिपे जानकारी मिल रही है लेकिन फिलहाल ताजा मामला मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज और कटिहार के कुछ सरकारी स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी रविवार के स्थान पर शुक्रवार को होने का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है।
शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी ने जांच के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि किशनगंज के 37 और कटिहार जिले के 21 सरकारी विद्यालय रविवार की जगह शुक्रवार को बंद रहते हैं।
सरकार ने बिना किसी आधिकारिक अनुमति के ऐसा करने पर जांच के आदेश दिए हैं। किशनगंज-कटिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) से रिपोर्ट मांगी गई है। शिक्षा मंत्री चौधरी का कहना है कि रिपोर्ट आने पर समुचित कार्रवाई होगी। स्कूल सरकार के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
किशनगंज जिले में इन स्कूलों में होती है शुक्रवार को छुट्टी
मध्य विद्यालय लाइन उर्दू,उमवि लाइन करबला,उमवि महेशबंधना,उमवि हालामाला,उमवि मोतीहारा पश्चिम,प्रावि अंधाकोल आदिवासी टोला,मवि छत्तरगाछ,मवि सोहागीडांगी,उमवि बोचनई,आजाद नगर गोआबाड़ी प्रावि,प्रा.वि.महाटगछ
उमवि कालासिंधिया,उमवि बेलपोखर,उमवि देहलबाडी, उम वि मिलिकबरती,उमवि बगलबाड़ी-146,उमवि बगलबाड़ी
उमवि बिशानी,उमवि फुलहारा,उमवि बक्सा,उमवि रमनियापोखर,उमवि चनामना,प्रावि डोहर मलानी,उम वि टंगटंगी
उमवि पटेश्वरी,उमवि गुलशनभीठा,उमवि टेना,प्रावि शाहनगरा,उमवि चुनामारी,उमवि हसनडुमरिया,उमवि डेगा
उमवि हाटगाछी महुआ,प्रावि नककली हाट,प्रावि वूठीमारी नया प्रावि मंसूरा,प्रा वि रसूलगंज, और उमवि नेहालभाग सोन्था प्रमुख हैं।
ऐसा मामला झारखंड के जामताड़ा जिले में भी देखने को मिला था। यहां के 100 से अधिक स्कूलों ने मुस्लिम बहुल होने के कारण स्कूलों की छुट्टी रविवार की जगह शुक्रवार कर दी थी। साथ ही स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ दिया गया। ऐसा करने की वजह कुछ स्थानीय लोगों का दबाव बताया गया। जब ममाला सामने आया तो बाद में इनमें से कुछ स्कूलों ने साप्ताहिक छुट्टी रविवार को कर दी।