मधुबनी न्यूज़: बुधवार का दिन और प्रखंड कृषि पदाधिकारी कार्यालय के बाहर किसानों का भारी जमावड़ा. आखिर क्या वजह थी कि बिहार राज्य किसान सभा को सड़कों पर उतरना पड़ा? नारेबाजी और मांगों की गूंज के बीच सवाल उठता है – क्या किसानों को मिलेगा उनकी मेहनत का हक?
बिहार राज्य किसान सभा ने बुधवार को मधुबनी जिले के प्रखंड कृषि पदाधिकारी कार्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन क्षेत्र के किसानों को हुए फसल क्षति के तत्काल मुआवजे की मांग को लेकर आयोजित किया गया था. किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की, जिससे पूरा इलाका गूंज उठा.
मुआवजे की मुख्य मांग
धरना स्थल पर मौजूद किसानों ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की. उनकी मुख्य मांग थी कि प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य कारण से बर्बाद हुई फसलों के लिए सरकार तुरंत मुआवजा जारी करे. उनका कहना था कि फसलें बर्बाद होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, जिससे उनका जीवन यापन मुश्किल हो गया है.
किसानों का कहना था कि वे पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और ऐसे में फसल क्षति उनके लिए दोहरी मार है. सभा के सदस्यों ने कृषि विभाग से इस मामले में संवेदनशीलता दिखाने और जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं, तो वे भविष्य में बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
सरकार से तत्काल राहत की उम्मीद
धरना प्रदर्शन में भाग लेने वाले किसानों ने सरकार से तत्काल राहत की उम्मीद जताई. उन्होंने बताया कि कई बार आवेदन देने के बावजूद उन्हें अपेक्षित सहायता नहीं मिल पाती है. बिहार राज्य किसान सभा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसानों के हक की लड़ाई तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता और उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता.


