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5 फ़रवरी, 2024
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BPSC 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का ज़ोरदार प्रदर्शन

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पटना | – बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पटना के गर्दनीबाग में अभ्यर्थियों ने भारी संख्या में एकत्रित होकर परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ था और परीक्षा प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं, जिससे पूरी परीक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है।


प्रदर्शन की मुख्य वजहें

  1. प्रश्नपत्र लीक का आरोप:
    • अभ्यर्थियों ने दावा किया कि प्रश्नपत्र लीक हो चुका है, जिससे परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता खत्म हो गई है।
    • उनका कहना है कि इस स्थिति में पूरी परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए।
  2. बापू सभागार में हंगामा:
    • 13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र पर पेपर देर से पहुंचने और अन्य अव्यवस्थाओं के कारण अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
    • इसके बाद केवल बापू केंद्र की परीक्षा रद्द की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है।
  3. परीक्षा प्रणाली पर संदेह:
    • प्रदर्शनकारियों ने परीक्षा संचालन की प्रक्रिया को पूरी तरह अविश्वसनीय बताते हुए कहा कि इसमें व्यापक स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।

BPSC अध्यक्ष का बयान

BPSC अध्यक्ष ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा:

  • प्रश्नपत्र लीक होने का कोई प्रमाण नहीं है।
  • बापू केंद्र पर जो हुआ, वह कुछ उपद्रवी लोगों की साजिश थी।
  • उन्होंने जानबूझकर माहौल खराब करने और परीक्षा को बाधित करने का प्रयास किया।

अभ्यर्थियों की मांग

  • पूरे राज्य में BPSC 70वीं पीटी परीक्षा रद्द की जाए
  • नए सिरे से निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित हो।
  • भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था की जाए।

प्रदर्शन का असर

गर्दनीबाग में प्रदर्शन के चलते पूरे क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

  • अभ्यर्थियों के विरोध ने राज्य सरकार और आयोग पर दबाव बढ़ा दिया है।
  • आयोग ने अभी तक परीक्षा रद्द करने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

आगे की राह

BPSC की परीक्षा बिहार के लाखों अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में आयोग को:

  1. पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी।
  2. परीक्षा संचालन में तकनीकी और प्रशासनिक खामियों को दूर करना होगा।
  3. छात्रों के विश्वास को बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।

अभी इस मुद्दे पर आयोग और सरकार के निर्णय का इंतजार है।

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