Jamui Naxal Murder: बिहार की धरती पर लहू की नई इबारत, जहां अतीत के साये ने एक बार फिर वर्तमान को लहूलुहान कर दिया। जमई में एक पूर्व नक्सली कमांडर की हत्या ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है।
Jamui Naxal Murder: पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव की गोली मारकर हत्या, बिहार में कानून-व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
Jamui Naxal Murder: जमई में पूर्व कमांडर की हत्या से दहशत
बिहार के जमुई जिले में एक बार फिर आपराधिक हिंसा बिहार ने कानून-व्यवस्था के समक्ष गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। चरकापथर थाना क्षेत्र के थमहन पंचायत अंतर्गत चिल्काखांड़ निवासी और कुख्यात पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव की शनिवार देर शाम अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह वारदात बाराटांड गांव के पास उस समय हुई, जब लखन यादव अपने घर लौट रहे थे। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। पूर्व नक्सली कमांडर की दिनदहाड़े हत्या, राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को रेखांकित करती है। पुलिस फिलहाल मामले की गहन छानबीन में जुटी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।
पूर्व नक्सली के अतीत और वर्तमान की गुत्थी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, लखन यादव लंबे समय तक नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहे थे और उनका एक आपराधिक इतिहास रहा है। हालांकि, वह हाल के वर्षों में मुख्यधारा में लौटने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे में उनकी हत्या के पीछे पुरानी दुश्मनी है या कोई नया विवाद, इस पर पुलिस गहराई से जांच कर रही है। घटनास्थल से कुछ खोखे बरामद किए गए हैं और फॉरेंसिक टीम ने भी मौके का मुआयना किया है। स्थानीय लोगों में इस वारदात को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि पुलिस की लचर गश्ती व्यवस्था के कारण अपराधी बेखौफ हो गए हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। प्रशासन को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और क्षेत्र में शांति बहाल हो। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया गया है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए अभी और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।



