बिहार में अब बिना डिजिटल वेरिफिकेशन के नहीं बिकेगी जमीन। अब स्कैन करना होगा क्यूआर कोड, खरीद-बिक्री के 4 स्टेप्स से होगी रजिस्ट्री। जी हां, बिहार में अब ऑनलाइन आवेदन से रजिस्ट्री होगी। रेरा बिहार का बड़ा फैसला सामने आया है। जमीन बेचने और खरीदने से पहले अब यह जरूरी काम करना होगा।
फ्लैट, प्लॉट या दुकान खरीदने से पहले
सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब बिना बायोमेट्रिक सत्यापन के नहीं होगी जमीन रजिस्ट्री। हर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पर क्यूआर कोड अनिवार्य। जानिए नया डिजिटल नियम। नई रजिस्ट्री प्रक्रिया। फ्लैट, प्लॉट या दुकान खरीदने से पहले अब स्कैन करना होगा क्यूआर कोड, जानिए क्यों?
सभी खरीदार और विक्रेता के लिए यह नियम जानना जरूरी
बिहार में रियल एस्टेट (Real Estate) परियोजनाओं के लिए सरकार ने नए सख्त नियम लागू कर दिए हैं। अब जमीन खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो गई है। सभी खरीदार और विक्रेता के लिए यह नियम जानना जरूरी है।
अब सिर्फ 4 स्टेप्स में होगी जमीन की रजिस्ट्री
अब जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया चार आसान स्टेप्स में पूरी होगी:
ऑनलाइन आवेदन:
खरीदार और विक्रेता को भूमि रिकॉर्ड पोर्टल (Land Record Portal) पर जाकर आवेदन करना होगा। इसमें खसरा नंबर, विक्रेता-खरीदार का विवरण और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे।डिजिटल सत्यापन:
अपलोड किए गए दस्तावेजों जैसे स्वामित्व प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी रिकॉर्ड, पहचान पत्र आदि का डिजिटल वेरिफिकेशन किया जाएगा। यदि किसी प्रकार की त्रुटि पाई जाती है, तो संबंधित पक्षों को सूचना दी जाएगी।ई-स्टांपिंग और शुल्क भुगतान:
सत्यापन के बाद ई-स्टांपिंग (E-Stamping) के जरिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करना होगा।बायोमेट्रिक सत्यापन और रजिस्ट्री:
अंतिम चरण में खरीदार और विक्रेता को रजिस्ट्री ऑफिस जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। इसके बाद उन्हें डिजिटल सिग्नेचर वाली रजिस्ट्री कॉपी प्रदान की जाएगी।
इससे प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में क्यूआर कोड अनिवार्य
अब बिहार में किसी भी फ्लैट, प्लॉट या दुकान की खरीद-बिक्री के लिए क्यूआर कोड (QR Code) को स्कैन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
जरूरी बातें:
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
विक्रेता और खरीदार को राज्य के भूमि रिकॉर्ड पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा।
सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे खसरा नंबर, विक्रेता और खरीदार का विवरण, आदि पोर्टल पर अपलोड होंगे।
डिजिटल सत्यापन
जमीन के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज़, खसरा-खतौनी रिकॉर्ड, और विक्रेता का पहचान पत्र का डिजिटल सत्यापन होगा।
यदि त्रुटि पाई जाती है, तो संबंधित पक्षों को सूचित किया जाएगा।
ई-स्टांपिंग
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान ई-स्टांपिंग के माध्यम से किया जाएगा।
बायोमेट्रिक सत्यापन
अंतिम चरण में खरीदार और विक्रेता को रजिस्ट्री ऑफिस जाकर बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा।
इसके बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होगी।
डिजिटल रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट
खरीदार को डिजिटल रूप से साइन किया हुआ रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट प्रदान किया जाएगा।
क्यूआर कोड की अनिवार्यता
सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए क्यूआर कोड अनिवार्य होगा।
क्यूआर कोड स्कैन करने पर रेरा निबंधित परियोजना से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी।
क्यूआर कोड का उपयोग
क्यूआर कोड का उपयोग सभी प्रकार के विज्ञापनों, ब्रोशरों, बुकिंग पत्रों, और वेबपेज पर अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
प्राधिकरण द्वारा क्यूआर कोड प्रदान करना
बिहार रेरा सभी निबंधित रियल एस्टेट परियोजनाओं को एक यूनिक क्यूआर कोड प्रदान करेगा।
इन नियमों का उद्देश्य रियल एस्टेट की प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज, और सुरक्षित बनाना है, ताकि खरीदारों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाया जा सके।
क्यूआर कोड को मोबाइल से आसानी से स्कैन किया जा सकेगा।
स्कैन करने पर परियोजना से जुड़ी पूरी जानकारी (जैसे रेरा रजिस्ट्रेशन, स्वीकृत प्लान, कानूनी स्थिति आदि) सामने आएगी।
इससे खरीदार सही निवेश निर्णय ले सकेंगे।
सभी ब्रॉशर, बुकिंग पत्र और वेबपेजों पर भी अब क्यूआर कोड देना अनिवार्य होगा।
इस नियम की जानकारी रेरा बिहार (RERA Bihar) की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।
इससे रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और खरीदारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
नोट: यदि आप बिहार में फ्लैट, दुकान या जमीन खरीदने का सोच रहे हैं, तो इन नए नियमों के अनुसार पूरी प्रक्रिया अपनाएं और किसी भी खरीद से पहले क्यूआर कोड स्कैन करके जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।