“अब म्यूटेशन में लगेगा कम समय, नहीं करना होगा अलग आवेदन! बिहार सरकार की नई डिजिटल पहल – रजिस्ट्री के साथ ही जुड़ जाएगा नक्शा, खाता और खेसरा!”@पटना,देशज टाइम्स।
Bihar Land Mutation Update: अब रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन होगा ऑटोमैटिक!
अब रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन होगा ऑटोमैटिक! बिहार सरकार ला रही बड़ी सुविधा। जमीन का नक्शा भी होगा म्यूटेशन में शामिल! जानिए कैसे बदलेगा पूरा सिस्टम।म्यूटेशन के झंझट खत्म! अब दाखिल-खारिज और नक्शा एक साथ ऑनलाइन होगा।
Bihar Land Mutation Update: भूमि म्यूटेशन का नया नियम! नाम, नक्शा, खेसरा सब रजिस्ट्री के साथ तय!
भूमि म्यूटेशन का नया नियम! नाम, नक्शा, खेसरा सब रजिस्ट्री के साथ तय। 15 जुलाई यानि आज से बिहार में लागू होगा नया म्यूटेशन सिस्टम! जानिए किन जिलों से होगी शुरुआत।@पटना,देशज टाइम्स।
Bihar Land Mutation Update: अब म्यूटेशन में शामिल होगा जमीन का नक्शा, दरभंगा, पटना समेत इन जिलों में लागू होगी नई व्यवस्था
पटना, 15 जुलाई, DeshajTimes ब्यूरो। बिहार सरकार की नई पहल से अब जमीन का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) प्रक्रिया और पारदर्शी तथा तेज़ होने वाली है। पटना, दरभंगा, समस्तीपुर और बेगूसराय जैसे जिलों में अब रजिस्ट्री के समय ही जमीन का अद्यतन नक्शा, खाता, खेसरा और चौहद्दी की जानकारी म्यूटेशन में शामिल होगी।
अब अलग से म्यूटेशन के लिए आवेदन की जरूरत नहीं
नई योजना के तहत रजिस्ट्री के वक्त ही म्यूटेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। रजिस्ट्री दस्तावेज सीधे सर्किल ऑफिसर (CO) को भेजे जाएंगे। इससे आम लोगों को बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
दरभंगा, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय में पहले लागू होगी योजना
इन जिलों में विशेष सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है। 15 जुलाई से यह योजना राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी द्वारा शुरू की जा रही है।
डिजिटल नक्शा और भूलेख पोर्टल से बढ़ेगी पारदर्शिता
जमीन का डिजिटल नक्शा, भू-अभिलेख और म्यूटेशन स्थिति अब इन पोर्टलों पर देख सकेंगे:biharbhumi.bihar.gov.in, bhulekh.bihar.gov.in, parimarjan.bihar.gov.in। इससे जमीन के स्वामित्व विवादों और फर्जीवाड़े में भी कमी आएगी।
1.5 लाख से अधिक म्यूटेशन केस अभी भी लंबित
गलत खाता-खेसरा, पुराने कैथी लिपि दस्तावेज, और खराब रजिस्टर-2 जैसी समस्याएं सबसे बड़ी वजह हैं। मंत्री संजय सरावगी ने अधिकारियों को 30 दिनों में लंबित मामलों के निपटारे का निर्देश दिया है।
IIT रुड़की ने तैयार किया तकनीकी प्रारूप
यह योजना 4 साल पहले स्वीकृत हुई थी लेकिन सर्वे पूरा न होने से रुकी थी। अब 38 जिलों में विशेष सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जिससे इसका कार्यान्वयन शुरू हो रहा है।
भूमिहीनों को भी होगा लाभ
स्वामित्व प्रमाण पत्र और भूमि आवंटन में यह प्रणाली सहायक होगी। 2024-25 तक 60% क्षेत्र में डिजिटल सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, शेष 2026 तक पूरे होंगे।