प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर बवाल, पटना में हंगामा
पटना में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को सोमवार सुबह पुलिस ने गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया। वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे थे। इधर, गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रशांत किशोर को AIIMS में पुलिस भर्ती नहीं करा पाई। 5 घंटे से पुलिस प्रशांत किशोर को लेकर पटना के इर्दगिर्द घूमती रही। यह जानकारी जनस्वराज के हैंडिल से है। जहां,
पार्टी का आरोप
जन सुराज पार्टी के अनुसार, पुलिस ने प्रशांत किशोर को जबरन हिरासत में लिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। पार्टी का दावा है कि उन्हें थप्पड़ मारा गया, और समर्थकों के साथ बलपूर्वक कार्रवाई की गई। प्रशांत किशोर को एंबुलेंस में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, लेकिन उन्होंने इलाज कराने से इनकार कर दिया है और कहा है कि उनका अनशन जारी रहेगा।
प्रशासन का पक्ष
पटना जिला प्रशासन ने बताया कि प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों को सुबह 3:45 बजे गिरफ्तार किया गया। गांधी मैदान प्रतिबंधित क्षेत्र है, और वहां अनशन करने की अनुमति नहीं थी। प्रशासन ने उन्हें गर्दनीबाग में धरना स्थल जाने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया।
प्रशासन के अनुसार, प्रशांत किशोर और उनके समर्थक नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, जिसके चलते गांधी मैदान थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर कोर्ट में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रशांत किशोर की मुख्य मांगें
- बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए।
- 2015 के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत 18-35 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
- पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पर श्वेतपत्र जारी किया जाए।
समर्थकों का विरोध और हंगामा
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने पटना की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। कई जगहों पर हंगामे और जाम की स्थिति बन गई। प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
राजनीतिक प्रभाव
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी बिहार की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकती है। शिक्षा और रोजगार से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह आंदोलन राज्य सरकार के लिए नई चुनौती पेश कर सकता है।