पटना। लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan’s Death Anniversary) की पहली बरसी के बहाने ही सही उनका पूरा परिवार लम्बे समय बाद रविवार को एक जगह एक साथ जमा हुआ। इसलिए उनकी पहली बरसी के साथ पासवान परिवार के लिए आज का दिन खास रहा।
कार्यक्रम भले ही रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की गयी लेकिन यह चिराग (Chirag Paswan) और पशुपति (Pashupati Paras) के आमने-सामने होने के लिए बड़ी चुनौती थी कि जिस परिवार को रामविलास पासवान जीवित रहते साथ लेकर चलने में सफल रहे, उस परिवार को एक बार फिर से जोड़ें।
सबको एक साथ देखना, समर्थकों के लिए सुकुन भरा पल
चिराग इसमें कितने सफल रहे ये तो वक्त की बतायेगा। लेकिन आज पूरे परिवार को एक साथ देखना रामविलास पासवान के समर्थकों के लिए बेहद सुकुन भरा पल रहा। कार्यक्रम में पहुंचे पशुपति पारस (Pashupati Paras) बेहद भावुक नजर आए। नम आंखों से उन्होंने बड़े भाई रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि पासवान परिवार में रामविलास पासवान के निधन के बाद सबसे बड़े पुरुष सदस्य के रूप में पशुपति पारस (Pashupati Paras) हैं, उनके बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) का नंबर आता है लेकिन रामविलास पासवान (Ram vilas Paswan) के निधन के बाद चिराग पर यह आरोप लगने लगे कि वह परिवार को साथ लेकर नहीं चल रहे हैं।
चिराग ने अपने चाचा पर भी इसी प्रकार का आरोप लगाया था कि पिता के निधन के बाद वह कभी उनके घर नहीं आए। एक तरह से पूरा परिवार टूट गया था। जिसका असर लोजपा पर भी पड़ा और तीन माह पहले पार्टी में टूट हो गई।
चाचा पशुपति ने अपने बड़े की राजनीतिक विरासत पर कब्जा करते हुए भतीजे को किनारा कर दिया। जिसके बाद रामविलास पासवान के जन्मदिन पर दोनों के बीच दूरी बनी रही। पिछले तीन माह में यह पहला मौका होगा जब पूरा परिवार एक साथ नजर आया है।
पूरे परिवार को एक साथ देख लोजपा समर्थकों में काफी खुशी रही। समर्थकों का कहना है रामविलास पासवान जी के रहते इस परिवार में कभी दूरियां नहीं आईए अब उनकी पुण्यतिथि पर पूरा परिवार एक साथ नजर आया है तो हम चाहेंगे कि जो मतभेद चाचा भतीजे के थी, वह हमेशा के लिए खत्म हो जाए।