Darbhanga, Madhubani, Sitamarhi में Patna-Purnia Expressway और Gorakhpur-Siliguri Expressway के Alignment का दिखेगा 6 माह में असर, होगा बड़ा काम। क्योंकि, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का बड़ा अपडेट आ गया है।
दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी में जल्द दिखेगा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का असर
✔ पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे को मिली हरी झंडी
बिहार में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के एलायनमेंट को लेकर बड़ा अपडेट आया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। अब दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत कई जिलों में भूमि अधिग्रहण का काम तेजी से होगा।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे: 282 किमी लंबाई, 90 मीटर चौड़ाई में होगा भूमि अधिग्रहण
इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के लिए वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा और मधेपुरा में 90 मीटर चौड़ाई में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार ने अगले छह माह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
अब दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों में
इसके तहत, अब दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों में जमीन का अधिग्रहण होगा। यह अधिग्रहण पिछले दिनों पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के एलायनमेंट को लेकर होगा।
दरभंगा समेत अन्य जिलों में भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द
मंत्रालय ने इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। ऐसे में अब इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण व डीपीआर की प्रक्रिया आगे बढ़नी है। इसको लेकर दरभंगा समेत अन्य जिलों में भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द होने वाला है।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: 568 किमी लंबाई, बिहार में 417 किमी सड़क का निर्माण
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के तहत बिहार में 417 किमी सड़क का निर्माण होगा, जिसके लिए 100 मीटर चौड़ाई में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिले प्रभावित होंगे।
डीपीआर और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एक साथ होगी पूरी
सरकार ने जमीन अधिग्रहण और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की प्रक्रिया को साथ-साथ पूरा करने का निर्देश दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय जल्द ही डीपीआर कंसलटेंट के लिए निविदा जारी करेगा।
डीपीआर कंसलटेंट के लिए निविदा करनी है
योजना यह है कि जमीन अधिग्रहण और प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनाए जाने का काम साथ-साथ चले। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को डीपीआर कंसलटेंट के लिए निविदा करनी है।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 282 किमी
जानकारी के अनुसार, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 282 किमी है। इस एक्सप्रेस वे के लिए 90 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होना है। इसके तहत वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा व मधेपुरा जिले में जमीन का अधिग्रहण होना है।
लक्ष्य यह है, अगले छह माह के अंदर
लक्ष्य यह है कि अगले छह माह के अंदर इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो जाए। वहीं, इन दो परियोजनाओं के लिए इन जिलों में भी जमीन अधिग्रहण होगा
क्षेत्रीय सड़कों की जर्जर स्थिति बनी चिंता का विषय
वहीं, भैरोगंज और बेलवा-त्रिभौनी सड़क की जर्जर स्थिति स्थानीय प्रशासन की अनदेखी को दर्शाती है। लगभग चार किमी लंबी बेलवा-त्रिभौनी सड़क, जो भैरोगंज को जोड़ती है, खराब स्थिति में है। सरकार गांवों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन रखरखाव की कमी के कारण सड़कें जल्दी खराब हो रही हैं।
बिहार में एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट से बढ़ेगा विकास
इन दोनों एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से बिहार के कई जिलों शाली,समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी,सुपौल, अररिया,किशनगंज को तेज़ और सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी, व्यापार बढ़ेगा और परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा।
वहीं, गोरखपुर -सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे की लंबाई 568 किमी है और बिहार में इसके तहत 417 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है। इस प्रोजेक्ट के एलायनमेंट के तहत पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज जिले में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इस प्राेजेक्ट के लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण होगा।
मुख्य सड़क से संपर्क सड़कों को जोड़ने की योजना
सरकार की ओर से गांव के नगर से जोड़ने एवं मुख्य सड़क से संपर्क सड़कों को जोड़ने की योजना लगातार चल रहा है। इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इससे लोगों को राहत मिलेंगी।