बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट शेयरिंग को लेकर NDA में बढ़ी खींचतान
बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान बढ़ती जा रही है। लोजपा (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने सीटों की बढ़ी हुई मांग से गठबंधन में नया समीकरण खड़ा कर दिया है।
NDA में सीटों का गणित और भाजपा-जदयू की मुश्किलें
🔹 जदयू (JDU) 100-103 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।
🔹 भाजपा (BJP) भी लगभग इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
🔹 छोटे सहयोगी दलों (लोजपा और हम) के लिए सीटों का संतुलन बैठाना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
मांग से मामला उलझ गया है
एनडीए में जदयू और भाजपा पहले ही अपनी सीटों को लेकर रणनीति तय कर चुके हैं, लेकिन लोजपा (रामविलास) और हम की बढ़ी हुई मांग से मामला उलझ गया है।
एनडीए (NDA) गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान बढ़ती जा रही है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP(R)] और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने सीटों की अपनी मांगें पेश कर दी हैं। इससे भाजपा और जदयू के सामने गठबंधन को संतुलित रखने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
लोजपा (रामविलास) की बढ़ी हुई मांग, सीटों पर दावा ठोका
चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) ने 15-20 सीटों की जगह और अधिक सीटों पर दावा ठोक दिया है। पार्टी की मांग है कि उसे एनडीए गठबंधन में प्रभावशाली भूमिका दी जाए।
किन सीटों पर दावा?
लोजपा (रामविलास) ने महनार, रघुनाथपुर, गोविंदगंज, गायघाट, खगड़िया, ओबरा, चेनारी, जमालपुर, ब्रह्मपुर, महुआ, साहेबपुर कमाल, समस्तीपुर, हसनपुर, विभूतिपुर, मीनापुर, अलौली, लालगंज, दिनारा और बेलसंड जैसी सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है। ये वे सीटें हैं, जहां पार्टी खुद को मजबूत मानती है और अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
अगर मांग पूरी नहीं हुई तो क्या होगा?
पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर लोजपा (रामविलास) को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं, तो वह ‘प्लान बी’ पर काम कर सकती है। इससे पहले भी 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) अलग चुनाव लड़ चुकी है और जदयू को नुकसान हुआ था। यदि इस बार भी ऐसा हुआ, तो एनडीए को सीधा नुकसान हो सकता है।
लोजपा (रामविलास) ने ठोका बड़ा दावा
🔹 चिराग पासवान की पार्टी 15-20 सीटों की जगह ज्यादा सीटें मांग रही है।
🔹 महनार, रघुनाथपुर, गोविंदगंज, गायघाट, खगड़िया, ओबरा, चेनारी, जमालपुर, ब्रह्मपुर, महुआ, साहेबपुर कमाल समेत कई सीटों पर दावा।
🔹 यदि लोजपा को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं, तो वह ‘प्लान बी’ पर काम कर सकती है।
🔹 पिछले चुनाव में लोजपा के कारण जदयू को नुकसान हुआ था, इस बार भी वोट कटवा बनने का खतरा।
जीतनराम मांझी की ‘हम’ ने भी रखी 40 सीटों की मांग
🔹 हम ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, कम से कम 20 सीटें जीतने का दावा।
🔹 शेरघाटी विधानसभा सीट से हम उम्मीदवार उतारने की तैयारी।
🔹 विधानसभा में अधिक संख्या में विधायक पहुंचाकर सरकार में प्रभाव बढ़ाने की रणनीति।
NDA के लिए सीटों का गणित मुश्किल
🔹 जदयू 100-103 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में।
🔹 भाजपा भी लगभग उतनी ही सीटें चाहती है।
🔹 छोटे सहयोगी दलों के लिए सीटों का समीकरण सेट करना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती।
शराबबंदी पर आरके सिंह का बड़ा बयान
🔹 पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरके सिंह ने कहा – बिहार में शराबबंदी हटनी चाहिए।
🔹 उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि वे खुद से शराब बिकवा रहे हैं।
🔹 नशे के कारण बिहार के युवा बर्बाद हो रहे हैं।
क्या एनडीए में सबकुछ ठीक है?
🔹 सीटों की बढ़ी मांग से बीजेपी के लिए नई चुनौती।
🔹 अगर लोजपा और हम नाराज होते हैं, तो बिहार में चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।
🔹 एनडीए के भीतर तालमेल बैठाने के लिए भाजपा को कड़ी रणनीति बनानी होगी।
🔹 क्या एनडीए में सबकुछ ठीक है?
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। लोजपा (रामविलास) और हम की बढ़ी हुई मांगों से भाजपा को गंभीर रणनीति बनानी होगी।
👉 क्या हो सकते हैं संभावित परिणाम?
✅ यदि लोजपा (रामविलास) और हम की मांगें मान ली जाती हैं, तो जदयू और भाजपा को अपनी सीटें घटानी होंगी।
✅ यदि सीटें नहीं मिलीं, तो लोजपा (रामविलास) और हम बगावती तेवर अपना सकते हैं।
✅ इससे बिहार में गठबंधन की स्थिति कमजोर हो सकती है।
निष्कर्ष : 2025 के चुनाव से पहले ही
बिहार में 2025 के चुनाव से पहले ही NDA में सीट शेयरिंग को लेकर घमासान मचा हुआ है। लोजपा (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की बढ़ती मांगों से भाजपा और जदयू के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। अगर सीटों का सही तालमेल नहीं बैठा, तो बिहार के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।